
डिस्लेक्सिया और डिसलेक्सिक बच्चों को लेकर राहुल गांधी का बिना नाम लिए जिक्र करने की घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विपक्ष ने तीखे हमले किए हैं. दरअसल, 2 मार्च को स्मार्ट इंडिया हैकथॉन के दौरान एक छात्रा जब डिस्लेक्सिया से संबंधित एक प्रोजेक्ट के बारे में प्रधानमंत्री मोदी को समझा रहा था तो उसने उस समय तारे जमीन पर फिल्म का जिक्र करते हुए बताया कि किस तरह से डिस्लेक्सिया से पीड़ित बच्चों की इस प्रोजेक्ट के जरिए मदद की जा सकती है.
जब वह छात्रा समझा रही थी तो पीएम मोदी ने पूछा किस प्रोजेक्ट से 40 साल के बच्चे की मदद हो सकती है तो छात्रा ने जवाब दिया हां तो फिर पीएम मोदी ने कहा इस तरह की बच्चों की मां ऐसे मामले में खुश होंगी. ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री अपरोक्ष रूप से राहुल गांधी का जिक्र कर रहे थे लेकिन प्रधानमंत्री का मजाक दिव्यांग लोगों को नागवार गुजरा है. साथ ही साथ कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री पर अपने हमले तेज कर दिए हैं.
कांग्रेस की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने प्रधानमंत्री मोदी की उनके कमेंट को लेकर भर्त्सना की है और उन्होंने आरोप लगाया है कि पीएम राहुल गांधी का मजाक राजनीतिक फायदे के लिए उड़ा रहे हैं. कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने पीएम नरेंद्र मोदी की निंदा की है और उन्होंने कहा है कि जानबूझकर प्रधानमंत्री राजनीतिक फायदे के लिए असंवेदनशील हो रहे हैं. इसी तरह वामपंथी नेता सीताराम येचुरी ने प्रधानमंत्री की इस बात को शर्मिंदगी से भरा हुआ बताया. उन्होंने कहा कि डिसलेक्सिक और दिव्यांग लोगों के लिए ऐसा कहना गलत है और क्या प्रधानमंत्री के संस्कार यही सिखाते हैं.
कांग्रेस और विपक्ष की दूसरी पार्टियां प्रधानमंत्री पर निशाना साध रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ इस तरह की शारीरिक अक्षमता से पीड़ित 40 साल की काजल शर्मा ने आजतक से खास बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री अगर ऐसा कहते हैं तो निश्चित तौर पर उनके जैसे तमाम लोगों को दिल से दुख पहुंचता है. काजल शर्मा बचपन से ही सिलेब्रेल पालसी से ग्रस्त हैं और व्हील चेयर पर ही आश्रित रहती हैं. उनकी देखभाल के लिए खास ध्यान रखना पड़ता है. जब इस बारे में उनकी माता उर्मिला शर्मा से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं, ऊंचे ओहदे पर हैं, अगर उनके जैसे लोग ऐसी बात करेंगे तो देश के बाकी आमजन दिव्यांगों के बारे में क्या सोचेंगे. हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री दिव्यांगों के बारे में संवेदनशीलता के साथ सोचेंगे और ऐसी योजनाए लाएंगे जिससे उनका जीवन आसान हो सके.
भारत में ग्लोबल अलायंस ऑन एक्सेसिबल टेक्नोलॉजी एंड एनवायरमेंट के प्रतिनिधि पारुल शर्मा का कहना है कि दिव्यांगों के प्रति ऐसी कोई भी बात करना जिससे उनकी गरिमा पर असर पड़ता है, गलत है. इसके अलावा अगर कोई ऐसी बात करता भी है तो भारत के कानूनों के मुताबिक ऐसा करना दंडनीय है. इस तरह की टिप्पणी करने से किसी को भी बचना चाहिए.