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उत्तराखंड हाई कोर्ट के राष्ट्रपति शासन हटाने का आदेश देने के बाद. केंद्र सरकार विरोधियों के निशाने पर आ गई है. कोर्ट से तो फटकार लगी ही इसके अलावा विरोधियों ने भी बखिया उधेड़ने में कसर नहीं छोड़ी. जहां कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा वहीं लेफ्ट पार्टियां भी मोदी सरकार की चुटकी लेने में पीछे नहीं रही. इस फैसले के बाद बीजेपी के नेता डिफेंसिव मोड में उतर आए हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार द्वारा राष्ट्रपति को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए केंद्र पर निशाना साधा है.
कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने मोदी सरकार पर करारा प्रहार करते हुए कहा है कि हाई कोर्ट से पड़े थप्पड़ की गूंज कर गई बीजेपी को सुन्न.
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता आशीष खेतान ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले पर मोदी सरकार को खरी-खरी सुनाई. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि यह फैसला मोदी की उस कोशिश पर करारा तमाचा है जिसके तहत वे सभी संवैधानिक संस्थाओं को डरा कर तानाशाह बनना चाहते थे.
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने भी बीजेपी को पड़ी कोर्ट की फटकार पर केंद्र की चुटकी ली. उन्होंने कहा है कि संविधान की धज्जियां उड़ाने वाली मोदी सरकार को HC की फटकार, क्या मोदी जी लोकतंत्र के लिए खतरा बन गए हैं?
सीपीआई नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि संविधान विरोधी केंद्र सरकार को न्यायपालिका ने बीच में ही रोक दिया. संविधान के विध्वंसकों को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने करारा तमाचा मारा है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन को हाई कोर्ट द्वारा हटाए जाने के फैसले को मोदी सरकार के लिए बहुत बड़ी शर्मिदगी बताया. आम आदमी पार्टी (आप) के नेता केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, 'यह फैसला नरेंद्र मोदी सरकार के लिए बहुत बड़ी शर्मिंदगी है. उन्हें निर्वाचित सरकारों के मामलों में हस्तक्षेप करना बंद करना चाहिए और लोकतंत्र का सम्मान करना चाहिए.' .
वहीं कोर्ट के फैसले के बाद फजीहत झेलने वाली बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने हाईकोर्ट के फैसले पर कहा है कि हरीश रावत की सरकार अल्पमत में हैं. हम हाईकोर्ट के फैसले का अध्ययन करेंगे.