
संसद में गुरुवार को विपक्षी एकता एक नए रूप में देखने को मिली. सभी विपक्षी पार्टियों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने मानव श्रृंखला बनाकर सरकार के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में सोनिया गांधी राहुल गांधी समेत तमाम विपक्षी पार्टियों के नेता मौजूद थे.
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि प्रदर्शन में 17 पार्टी में शामिल है और यह दिखाता है कि विपक्षी एकता कितनी मजबूत है. उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन में वो पार्टियां भी शामिल है, जो कभी एनडीए का हिस्सा हुआ करती थी, लेकिन अब सरकार के खिलाफ हमारे साथ एकजुट हैं. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि विपक्ष की एकता 2019 के चुनाव तक न सिर्फ कायम रहेगी बल्कि बढ़ती जाएगी.
गुलाम नबी आजाद ने एनडीए के सांसदों के वेतन भत्ता नहीं लेने के ऐलान पर कहा कि उन्हें वेतन भत्ता लेने की जरूरत भी नहीं है, क्योंकि उनके पास हजारों करोड़ों रुपये है.
समाजवादी पार्टी के राज्यसभा से सांसद जया बच्चन ने कहा कि इस प्रदर्शन का मकसद लोगों का यह भ्रम दूर करना है कि संसद विपक्ष की वजह से नहीं चल रही है जबकि सच्चाई यह है कि संसद नहीं चलने के लिए सरकार दोषी है.
समाजवादी पार्टी के ही सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि सरकार हर मोर्चे पर फेल हो रही है और लोगों के मन में सरकार के प्रति बेहद गुस्सा है. संसद के बजट सत्र का दूसरा हिस्सा लगभग बिना कोई काम किए खत्म होने वाला है. शुक्रवार को इस सत्र का आखिरी दिन होगा.
प्रदर्शन में तमाम विपक्षी पार्टियां अपने अपने हिसाब से अलग-अलग मुद्दा उठा रही थी कुछ लोग किसानों का मुद्दा उठा रहे थे. कुछ सांसदों ने दलितों पर अत्याचार का, कुछ पेट्रोल डीजल की कीमतों का, कुछ बैंक के घोटालों का मुद्दा उठाया. आंध्र प्रदेश के सांसद अपने राज्य के लिए स्पेशल पैकेज की मांग कर रहे थे तो एआईएडीएमके के सांसद कावेरी मुद्दे की तख्ती लिए प्रदर्शन करते नजर आए.