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AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार से पूछे सात सवाल

लोकसभा में केंद्र सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुसलमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए सात सवाल पूछे. उन्होंने काफी कम समय में अपनी बात रखी और सात सवाल पूछे.

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी
विवेक पाठक
  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 9:35 PM IST

लोकसभा में टीडीपी द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर संसद में जबदस्त गहमागहमी देखने को मिली. इसी क्रम में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुसलमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए सात सवाल पूछे. उन्होंने काफी कम समय में अपनी बात रखी और सात सवाल पूछे.

असदुद्दीन ओवैसी के सात सवाल

1. प्रधानमंत्री बोलते हैं कि मुसलमानों के हाथ में कुरान और कंप्यूटर देखना चाहते हैं आखिर क्या वजह है कि 2013-2018 तक बजट में कोई वृद्धि नहीं हुई ?

2. प्रधानमंत्री के15 पॉइंट प्रोग्राम का यह नियम है कि तीन महीने में एक दफा कैबिनेट सेक्रेटरी बैठक लेगा, लेकिन चार साल में कोई बैठक क्यों नहीं हुई? इसी प्रोग्राम में 10वां बिंदु है जिसमें अकलियत को रेलवे, पैरामिलिट्री में रोजगार दिया जाएगा, लेकिन एक प्रतिशत रोजगार नहीं दिया गया.

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3. प्रधानमंत्री ने 1400 करोड़ रूपए दौरे में खर्च किए लेकिन क्या वजह है कि नेपाल श्रीलंका और मालदीव चीन की गोद में बैठा है?

4. प्रधानमंत्री दलितों से मुहब्बत करने का जिक्र करती है लेकिन जिस जज ने एसएसी-एसटी एक्ट के खिलाफ फैसला दिया क्या वजह है कि उन्हे एनजीटी का चेयरमैन बना दिया गया?

5. कश्मीर को लेकर क्या पॉलिसी है जितने आतंकवादी मारे जाते हैं उतनी ही संख्या में हमारे जवान भी मारे जाते हैं.

6. जिस तरह से देश में दलितों और मुसलमानों का दमन हुआ है. क्या प्रधानमंत्री कांग्रेस मुक्त भारत चाहते हैं या दलित-मुसलमान मुक्त मुल्क चाहते हैं?

7. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा सबसे बड़ी लिंचिंग 1984 मे हुई, मैं कहना चाहता हूं कि लिंचिंग न सिर्फ 1984 में हुई बल्कि बाबरी की शहादत में और 2002 के गुजरात दंगों मे भी हुई थी. 

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बता दें कि बीते बजट सत्र में भी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश की गई थी, लेकिन तब हंगामे की वजह से प्रस्ताव पेश नहीं किया जा सका था. लेकिन संसद के मॉनसून सत्र में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने टीडीपी द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को मंजूरी दी है.

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