
पाकिस्तानी सेना की बॉर्डर एक्शन टीम (BAT) के लड़ाकों ने इस हफ्ते की शुरुआत में भारतीय सीमा में घुसकर सेना के दो जवानों के शव को क्षत-विक्षत कर दिया. इस घटना को लेकर जहां देश भर में गुस्सा है, वहीं यह सवाल भी उठ रहा है कि सीमा पार से हुई इस घुसपैठ को हमारे सैनिक भांप क्यों नहीं पाए... आजतक को इस घटना से जुड़ी कुछ अंदरूनी जानकारियां मिली हैं, जो इस घटना की परतें खोलती हैं.
बीते सोमवार को पाकिस्तानी सेना का विशेष दस्ता 5-6 मुजाहिदीनों के साथ रात के अंधेरे में नियंत्रण रेखा के पार भारतीय सीमा में 250 मीटर अंदर तक घुस आया. इस दौरान थर्मल इमेज के जरिये किसी भी हरकत को भांप वाले सुरक्षा बलों के उपकरण (हैंड हेल्ड थर्मल इमेजर या HHTI) उनकी घुसपैठ पकड़ने में नाकाम रहे. ये उपकरण शरीर से निकलने वाली ऊष्मा को पकड़ कर तस्वीर बनाते हैं.
सेना से जुड़े शीर्ष स्तर के सूत्रों की मानें तो BAT ने आधी रात के आसपास इस हमले के लिए जाल बिछाया. पहले उन्होंने जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में भारतीय सेना के गश्ती दल पर गोलियों और मोर्टारों से हमला किया. इस वजह से वहां काफी धुआं छा गया और उसी की आड़ में छुपते हुए वे भारतीय सीमा में घुसे और हमारे जवानों के सर कलम कर ले गए.
सेना से जुड़े सूत्र बताते हैं कि 30 अप्रैल और 1 मई की दरम्यानी रात नंगटेकी में जिस किरपान चौकी पर हमला किया गया, वहां HHTI मौजूद था. सेना के अनुसार ऐसा माना जा रहा है कि सीमा पर दुश्मन जवानों की हरकत का पता लगाने में HHTI पूरी तरह सफल नहीं रहे. सेना के पास अंधेरे में देखने वाले दूरबीन भी थे, लेकिन वे उस दौरान नाकाम साबित हुए.
इस हमले में गश्ती दल की बाकी टुकड़ी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा और उसी ने जवाबी हमले का मोर्चा संभाला. दरअसल यहां उन्हें गश्त के दौरान आपस में एक निश्चित दूरी बना कर चलने के निर्देश होते हैं, यही उनके काम आई.
सूत्रों का साथ ही कहना है, चूंकि यह दिन में (सुबह 8.40 बजे) किया गया हमला है, ऐसे में आशंका है कि BAT लड़ाके छलावरण वाले झिल्ली सूट (ऐसे वस्त्र जो आसपास के इलाके में घुलमिल जाए) पहनकर एलओसी के पार देर रात से छुपे बैठे थे. सेना और यहां तक आतंकी भी इन दिनों ऑपरेशन के दौरान ऐसे ही सूट का इस्तेमाल करते हैं. फिर दिन में पाकिस्तानी सेना ने जैसे ही संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए गोलीबारी शुरू की, ये लड़ाके भारतीय सीमा के अंदर घुस आए. इस दौरान पाकिस्तानी सेना इन लड़ाकों को कवर फायर भी देती रही, जिससे कि उन्होंने भारतीय सेना के दो जवानों के शव-विक्षत कर दिया.