
करतारपुर कॉरिडोर का इस्तेमाल पाकिस्तान खालिस्तान आंदोलन भड़काने के लिए करेगा. एक्सपर्ट्स ने आशंका जताई है कि प्रस्तावित करतारपुर कॉरिडोर के जरिए पाकिस्तान भारत में शांति और सद्भाव को बिगाड़ने का काम करेगा. हाल ही में आई इंटेलिजेंस रिपोर्ट में पाकिस्तान के नापाक इरादों का पर्दाफाश हो गया है.
इसमें कहा गया कि 'जत्था' और सिखों के धार्मिक समूहों का इस्तेमाल पाकिस्तान भारत में खालिस्तान समर्थकों को भड़काने के लिए करेगा. एक्सपर्ट्स का मानना है कि पाकिस्तान लगातार नाकामी पाने के बाद भी दुनिया भर में सिख समुदाय को भड़काने से बाज नहीं आ रहा है.
दिल्ली स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ कॉन्फ्लिक्ट मैनेजमेंट के एक्जीक्युटिव डायरेक्टर अजय साहनी ने जोर देते हुए कहा कि पाकिस्तान की सिखों की धार्मिक भावनाओं से कोई सहानुभूति नहीं है और पड़ोसी देश अपने मंसूबे हासिल करने के लिए करतारपुर कॉरिडोर का इस्तेमाल करेगा.
एक्सपर्ट्स ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईसआई पर भारत के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया और कहा कि सिखों का विकास कभी भी पाक की प्राथमिक सूची में नहीं है. साहनी ने कहा, 'करतारपुर के जरिए पाकिस्तान सिखों का अच्छा नहीं करना चाहता. इसे पाकिस्तान चरमपंथी और आतंकियों को लामबंद करने के हथियार के तौर पर देख रहा है. वे उम्मीद कर रहे हैं कि काफी संख्या में लोग पाकिस्तान जाएंगे और वे उनमें से कुछ लोगों को अपने काम के लिए चुन लेंगे.
यही बात पंजाब कांग्रेस के प्रवक्ता ने भी कही है. राज कुमार वेरका ने कहा कि पाकिस्तान सिखों की भावनाओं का इस्तेमाल अपनी भारत को तोड़ने की नीति के लिए कर रहा है. गौरतलब है कि भारत सरकार जल्द से जल्द करतारपुर कॉरिडोर शुरू करने की कोशिश में है. मोदी सरकार चाहती है कि गुरु नानक देव की 550वीं जन्मशती से पहले ही निर्माण कार्य पूरा हो जाए. भारत इस कॉरिडोर पर 550 करोड़ रुपये खर्च करेगा. सरकार ने इसके लिए 31 अक्टूबर डेडलाइन रखी है.