Advertisement

PAK फिर बेनकाब, पूर्व ISI अफसर ने माना- ईरान से अगवा हुए थे कुलभूषण जाधव

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अमजद शोएब ने माना है कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में नहीं बल्कि ईरान में पकड़ा गया था और उन्हें वहां से लेकर बलूचिस्तान में फर्जी गिरफ्तारी दिखाई गई.

फाइल फोटो फाइल फोटो
लव रघुवंशी
  • नई दिल्ली,
  • 24 मई 2017,
  • अपडेटेड 8:12 AM IST

कुलभूषण जाधव को लेकर पाकिस्तानी दावे की पोल खुली है. इस बार नापाक झूठ को बेनकाब करने वाला कोई और नहीं बल्कि आईएसआई का ही पूर्व अधिकारी है.

क्या है पूर्व अफसर का दावा?
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अमजद शोएब ने माना है कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में नहीं बल्कि ईरान में पकड़ा गया था और उन्हें वहां से लेकर बलूचिस्तान में फर्जी गिरफ्तारी दिखाई गई. इस बयान का इस्तेमाल भारत अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई में कर सकता है. गौर करने लायक बात है कि पाकिस्तानी सेना जाधव पर जासूसी और आतंकवाद का आरोप लगा चुकी है. इस्लामाबाद और रावलपिंडी दोनों मानते हैं कि जाधव फर्जी पहचान के तहत ईरान में रह रहे थे और उनका असल मकसद कराची और बलूचिस्तान में आतंकवाद को हवा देना था.

Advertisement

पहले भी खुल चुकी है पोल
ये पहला मौका नहीं है जब जाधव को लेकर पाकिस्तान की कलई खुली है. पाकिस्तान में जर्मनी के पूर्व राजदूत गुंटर मुलक भी अपने सूत्रों के हवाले से यही बात कह चुके हैं. मुलक का कहना था कि जाधव को ईरान से तालिबान ने अगवा किया और उसके बाद आईएसआई को बेच दिया था. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने पिछले साल दिसंबर में पाकिस्तानी संसद को बताया था कि जाधव के खिलाफ पुख्ता सबूत मौजूद नहीं हैं.

अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में जल्द सुनवाई चाहता है पाक
18 मई को यूएन के इंटरनेशनल कोर्ट ने पाकिस्तान को निर्देश दिया था कि मामले की सुनवाई जारी रहने तक जाधव को फांसी ना दी जाए. मंगलवार को पाकिस्तानी सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय अदालत से मामले की जल्द सुनवाई के लिए अपील दाखिल की है. सरताज अजीज ने दावा किया था कि इस बार जाधव के खिलाफ पैरवी के लिए अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में मजबूत टीम भेजी जाएगी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement