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4 दिन पहले ही हुआ था कैप्टन कुंडू का प्रमोशन, रह गए सपने अधूरे...

वो अपनी जिंदगी में सेना के सर्वोच्च पद तक पहुंचना चाहते थे. बचपन से ही उनका ख्वाब था कि वो अधिकारी बनें और सेना के सर्वोच्च पद तक पहुंचे.

शहीद कैप्टन कुंडू शहीद कैप्टन कुंडू
जावेद अख़्तर
  • नई दिल्ली,
  • 05 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 8:33 AM IST

जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से पाकिस्तान की फायरिंग में चार जवान शहीद हो गए हैं. रविवार को पुंछ सेक्टर में हुए संघर्षविराम उल्लंघन में एक जवान घायल भी हुआ है. शहीदों में जम्मू कश्मीर लाइन इनफैंट्री के एक अधिकारी और तीन जवान हैं.

शहीद सैनिकों में कैप्टन कपिल कुंडू, राइफलमैन शुभम कुमार, राइफलमैन रामअवतार और हवलदार रोशन लाल हैं. कैप्टन कुंडू दिल्ली के नजदीकी गुरुग्राम के रहने वाले थे. हाल ही में उनके घर पर जश्न का माहौल था, क्योंकि कुंडू ने उन्हें एक बड़ी खुशखबरी दी थी.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कैप्टन कुंडू का चार दिन पहले ही प्रमोशन हुआ था. इस मौके पर परिवार बेहद खुश था, लेकिन रविवार देर रात उनकी शहादत की खबर मिलते ही परिवार गम में डूब गया. पूरे गांव में जो जश्न का माहौल था, वो रंज में डूब गया.

कैप्टन कुंडू का फलसफा था कि जिंदगी लंबी नहीं, बड़ी होनी चाहिए. हालांकि, वो अपनी जिंदगी में सेना के सर्वोच्च पद तक पहुंचना चाहते थे. बचपन से ही उनका ख्वाब था कि वो अधिकारी बनें और सेना के सर्वोच्च पद तक पहुंचे. शहादत से पहले अधिकारी बनने का सपना तो पूरा हो गया, लेकिन बाकी सब अधूरा रह गया.

10 फरवरी को था बर्थडे

कैप्टन कपिल कुंडू 6 दिन के बाद ही अपना 23वां बर्थडे मनाने वाले थे. 10 फरवरी को उनका जन्मदिन था. गुरुग्राम के रहने वाले कैप्टन के सिर से पिता का साया उठने के बाद भी उनकी मां सुनीता ने उन्हें देश सेवा के लिए फौज में भेजने का साहसिक फैसला किया. अभी उनकी शादी नहीं हुई थी. उनकी एक बहन हैं.

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बता दें कि रविवार रात पाकिस्तान की नापाक फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब देते हुए कैप्टन कुंडू ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए. उनके साथ देश के तीन और सपूत सरहद पर शहीद हो गए.

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