
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को लोकसभा में बोल रहे थे तो कांग्रेस सांसदों ने अचानक जोर जोर से नारेबाजी शुरू कर दी. कांग्रेस के इस ‘फ्लैश प्रोटेस्ट’ ने सभी को हैरान किया. सूत्रों के मुताबिक इस ‘गुरिल्ला स्टाइल’ विरोध की रणऩीति कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ही बनाई थी.
पार्टी के सभी सांसदों को 12 बजे दोपहर तक लोकसभा पहुंचने के लिए कहा गया था. सूत्रों के मुताबिक सदन में इस तरह के विरोध को लेकर कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी कुछ हिचक रही थीं लेकिन राहुल ने अपने सिपहसालारों को पूरी ताकत के साथ ‘मुद्दों पर आधारित’ नारेबाजी के लिए ग्रीन सिग्नल दिया.
बताया जा रहा है कि लोकसभा में पार्टी के व्हिप ज्योदिरादित्य सिंधिया ने इस पूरी रणनीति को सदन में अंजाम दिया और राहुल गांधी ने इस पर बारीक नजर रखी. जैसे ही सदन में कांग्रेस सांसदों ने नारेबाजी शुरू की और हाथों में कागज की तख्तियां लहरानी शुरू की, लेफ्ट फ्रंट समेत और विपक्षी दल भी विरोध में उनका साथ देने लगे.
दिलचस्प बात ये है कि कांग्रेस के सांसद जब फुल वॉल्यूम में नारे लगा रहे थे तो सोनिया गांधी की ये फिक्र थी की कहीं उनके गले खराब ना हो जाएं. सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी ने सांसदों को टाफियां भी भिजवाईं जिससे उनके गले को राहत मिल सके.
सदन में कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने सबसे ज्यादा नारे लगाए. रंजीत रंजन ने कहा, ये साफ हिदायत थी कि हमें मुद्दों को लेकर नारे लगाने हैं और प्रधानमंत्री पर व्यक्तिगत तौर पर कोई निशाना नहीं साधना. हमारी पार्टी मुद्दों पर आधारित राजनीति करती है, प्रधानमंत्री की तरह नहीं जो विपक्षी नेताओं पर व्यक्तिगत आक्षेप करते हैं.