Advertisement

मॉनसून सत्र में सहयोग के लिए विजय गोयल ने की मनमोहन सिंह से मुलाकात

मनमोहन सिंह से मुलाकात के बाद विजय गोयल ने कहा कि सरकार सदन में किसी भी विषय पर चर्चा करने के लिए तैयार है.

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पूर्व पीएम मनमोहन सिंह
अशोक सिंघल/देवांग दुबे गौतम
  • नई दिल्ली,
  • 28 जून 2018,
  • अपडेटेड 9:46 PM IST

18 जुलाई से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र को सुचारू रुप से चलाने के लिए सरकार का विपक्षी नेताओं से मुलाकात का सिलसिला शुरू हो गया. इस सिलसिले में संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की. आने वाले दिनों में विजय गोयल बाकी विपक्षी पार्टियों के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे.

मनमोहन सिंह से मुलाकात के बाद विजय गोयल ने कहा कि सरकार सदन में किसी भी विषय पर चर्चा करने के लिए तैयार है. लेकिन सदन सुचारू रुप से चलना चाहिए. विजय गोयल का कहना है कि वह इस सिलसिले में दूसरे दलों से भी मुलाकात करेंगे और उनको सदन को सुचारू रुप से चलाने के सहयोग की अपील करेंगे.

Advertisement

मनमोहन सिंह ने विजय गोयल के साथ मुलाकात में उनके इन प्रयासों का स्वागत किया और कहा कि जो सरकार ने संपर्क साधने का प्रयास शुरू किया है वह स्वागत योग्य है. सदन को सुचारू रुप से चलाने की जिम्मेदारी सत्ताधारी और विपक्ष दोनों की है.

विजय गोयल ने मनमोहन सिंह को बताया कि लोकसभा में 68 और राज्यसभा में 40 विधायक लंबित हैं, इसलिए 18 जुलाई से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र में देशहित को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण बिलों को पारित करने के लिए सभी दलों का सहयोग आवश्यक है.  

विजय गोयल ने कहा कि वह मानसून सत्र शुरू होने से पहले दूसरे विपक्षी नेताओं से भी मिलेंगे और छह महत्वपूर्ण अध्यादेशों को पारित करवाने के लिए सहयोग मांगेंगे.

विजय गोयल ने कहा कि देशहित में मुस्लिम विवाह, मोटर वाहन विधेयक संशोधन 2017 और भ्रष्टाचार रोकथाम विधेयक 2013 को पारित कराना आवश्यक है. विपक्षी पार्टी का सहयोग मिलना चाहिए तभी यह बिल पास होंगे.

Advertisement

बीजेपी सांसद ने कहा कि पिछले बजट सत्र में कोई कामकाज नहीं हुआ. राज्यसभा में केवल 8% और लोकसभा में केवल 4% कामकाज हुआ, लेकिन मॉनसून सत्र में उम्मीद है कि सदन सुचारू रूप से चल पाएगा.

18 जुलाई से संसद का मानसून सत्र

18 जुलाई से शुरू होने वाला मॉनसून सत्र 10 अगस्त तक चलेगा. बता दें कि बजट सत्र पूरी तरह से विपक्ष के हंगामे के कारण धुल गया था, जिसके कारण कई महत्वपूर्ण बिल पास नहीं हो पाए थे. बजट सत्र में पेट्रोल-डीजल की कीमतों, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जे समेत कई अन्य मुद्दों को लेकर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement