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अविश्वास प्रस्ताव के बाद अब राहुल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के नोटिस पर नजर

सोमवार को लोकसभा में सबसे बड़ा मुद्दा राफेल डील को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के द्वारा लगाए गए आरोपों पर उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस रह सकता है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो) कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो)
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 23 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 8:47 AM IST

शुक्रवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के बाद आज (सोमवार) संसद की कार्यवाही एक बार फिर शुरू होगी. अविश्वास प्रस्ताव में बड़ी जीत हासिल करने के बाद मोदी सरकार के हौसले बुलंद हैं तो वहीं अब वह विपक्ष पर पूरी तरह से हावी होने की तैयारी में है. सोमवार को लोकसभा में सबसे बड़ा मुद्दा राफेल डील को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के द्वारा लगाए गए आरोपों पर उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस रह सकता है.

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शुक्रवार को अपने भाषण के दौरान राहुल ने राफेल डील को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण पर देश से झूठ बोलने का आरोप लगाया था. जिसके बाद बीजेपी सांसद प्रहलाद जोशी ने राहुल पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया और उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस लाए.

क्या बोले थे राहुल गांधी?

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दबाव में झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा था कि वह स्वयं फ्रांस के राष्ट्रपति से मिले थे जब वे दिल्ली आए थे. इस मुलाकात के दौरान उन्होने फ्रांस के राष्ट्रपति से पूछा कि क्या इस तरह की कोई शर्त है जिसमें राफेल के विमानों की कीमत गुप्त रखने की बात है? तब फ्रांस के राष्ट्रपति ने उनसे कहा कि ऐसी कोई शर्त नहीं है. आप पूरे देश को राफेल की कीमत के बारे में बता सकते हैं. 

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नोटिस में क्या?

अपने विशेषाधिकार हनन नोटिस में बीजेपी सांसद प्रहलाद जोशी का कहना है कि राहुल गांधी ने फ्रांस के साथ हुई राफेल डील का जिक्र करते हुए कहा था कि मोदी सरकार ने यूपीए की डील को रद्द कर फ्रांस से राफेल विमानों को लेकर जो डील की उसकी वजह से राफेल का दाम 1600 करोड़ हो गया, जो यूपीए के समय मे 520 करोड़ प्रति विमान था.

प्रहलाद जोशी ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी द्वारा दिया गया बयान तथ्यों से परे है और सदन को गुमराह करने वाला है. कांग्रेस अध्यक्ष का बयान प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री की छवि खराब करने के लिए दिया गया है.

गौरतलब है कि संसद के मॉनसून सत्र के तीसरे दिन शुक्रवार को लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ पहले अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई थी. इस वोटिंग में विपक्ष के 126 वोटों के मुकाबले मोदी सरकार को 325 वोट मिले. इस प्रकार विपक्ष के द्वारा लाया गया ये प्रस्ताव औंधे मुंह गिरा. बता दें कि बुधवार को टीडीपी सांसद की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने मंजूर किया था, जिसके बाद उस पर चर्चा के लिए शुक्रवार का दिन तय हुआ था.

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