
बड़े नोटों को बंद करने के बाद सरकार ने आम लोगों को कुछ राहत दी है. लोगों की दिक्कतों को देखते हुए 11 नंवबर तक अस्पतालों और मेट्रो में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट स्वीकार किए जा रहे हैं. बावजूद इसके लोगों को अस्पतालों में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कुछ अस्पतालों के काउंटर पर 'खुले पैसे दें या कार्ड पेमेंट करें' का बोर्ड लगाकर रखा गया है. जो मरीज 500 या 1000 रुपये का नोट लेकर पहुंच रहे हैं, उन्हें इलाज नहीं मिला. इमरजेंसी से भी मरीजों को लौटा दिया गया. यूपी की राजधानी लखनऊ में अलग-अलग अस्पतालों से करीब 30 हजार मरीज बेइलाज लौटा दिए गए.
ब्लड बैंक से नहीं मिला खून, नहीं हुए 250 से ज्यादा ऑपरेशन
बड़े नोटों के नहीं चलने से देशभर के अस्पतालों में मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अकेले लखनऊ की बात करें, तो यहां करीब 250 मरीजों के ऑपरेशन नहीं हो पाएं. कैंसर मरीजों की कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी भी पेमेंट ना होने के कारण नहीं हो पाई. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में किडनी के मरीजों की डायलिसिस बंद थी. दिल्ली-एनसीआर में भी फोर्टिस, कैलाश, जेपी, मैक्स समेत सभी अस्पतालों और नर्सिंग होम ने 500-1000 रुपये के पुराने नोट लेने से इनकार कर दिया. ऐसे में यहां से भी मरीज बिना इलाज कराए वापस लौटे. नोटों को लेकर कुछ प्राइवेट अस्पतालों में हाथापाई तक हुई.
दवा की दुकानों में भी नहीं चला 500-1000 का नोट
अस्पतालों के बाहर दवा की दुकानों में भी 1000 और 500 के नोट नहीं चले. लखनऊ के लोहिया अस्पताल के बाहर मेडिकल स्टोर पर बड़े नोट ना लेने पर मरीजों की दुकानदारों से झड़प हुई. दिल्ली, हरियाणा के मेडिकल स्टोरों में भी हंगामे की खबर है. हालांकि, कुछ अस्पतालों में मानवता के नाते इलाज में छूट दी गई.
मेट्रो स्टेशनों में भी लोगों को हुई दिक्कतें
मेट्रो स्टेशनों में भी लोग 500 या 1000 का नोट देकर कार्ड रिचार्ज या टोकन ले रहे हैं, तो उन्हें खुले पैसे नहीं होने का कारण बताया जा रहा है. इस बीच, डीएमआरसी ने शाम को जारी एक बयान में कहा कि 500 और 1000 रुपये के नोटों से कार्ड रिचार्ज कराने वालों की संख्या अचानक बढ़ गई. बयान के मुताबिक, ‘200 रुपये से स्मार्ट कार्ड रिचार्ज कराने वालों की संख्या बुधवार को 1, 11, 103 थी, जबकि 500 रुपये से 25, 015 और 1000 रुपये से 539 लोगों ने स्मार्ट कार्ड रिचार्ज कराया. डीएमआरसी के मुताबिक, 200 रुपये से रिचार्ज कराने वालों की संख्या में 60 फीसदी की गिरावट आई है.'
चालान काटने को लेकर भी हुआ हंगामा
चालान काटने को लेकर अलग-अलग ट्रैफिक चौकियों पर भी पुलिसकर्मियों और चालान किए गए लोगों के बीच पेमेंट को लेकर नोकझोंक हुई. एक सीनियर ट्रैफिक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमने अपने पुलिसकर्मियों से उन अपराधों के लिए अदालती चालान जारी करने को कहा था, जहां चालान की राशि 100 रुपये से ज्यादा थी. 500 और 1000 रुपये के नोट वापस ले लिए गए हैं और हम उन्हें स्वीकार नहीं कर सकते.’ हालांकि, मौके पर तैनात कई ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उनसे कई लोगों ने कहा, ‘आप तो सरकार के तहत आते हो. आप कैसे नहीं स्वीकार कर रहे?’ कई पुलिसकर्मियों से लोगों ने कहा, ‘अरे, पुलिस का तो काम है जनता की सेवा करना. आप जनता को परेशान कर रहे हैं.’
एम्स में 500 रुपये तक की सभी ट्रीटमेंट मुफ्त
मोदी सरकार के 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने के फैसले के बाद देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स ने इलाज के लिए आने वाले मरीजों खुले रुपये की परेशानी से बचाने के लिए एक अच्छा फैसला लिया है. 10 और 11 नवंबर को एम्स में 500 रुपये तक की सभी ट्रीटमेंट मुफ्त होंगी.बुधवार को एम्स प्रशासन की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि एम्स में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को कोई दिक्कत न हो, इसलिए 500 रुपये तक की जांच के लिए कोई शुल्क अदा नहीं करना होगा. इसके अलावा व्यक्तिगत तौर पर एम्स आकर ओपीडी रजिस्ट्रेशन कराने वाले मरीजों से लिए जाने वाले 10 रुपये भी दो दिनों तक नहीं लिए जाएंगे. हालांकि, ऑनलाइन नंबर लगाने और ऑनलाइन पेमेंट करने पर फीस पहले तरह ही लिया जाएगा. एम्स में रोजाना औसतन 10 हजार लोग ओपीडी में इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में एम्स प्रशासन ने 500 और 1000 हजार के नोट की समस्या से निपटने का ये समाधान निकाला है.