
मॉल, सिनेमाघरों, शॉपिग कॉम्पलेक्स आदि जगहों पर ‘पेटीएम’ से शॉपिंग करते तो आप रोज देखते होंगे, लेकिन फुटपाथ पर लगे ठेला वाले को ग्राहकों को ‘पेटीएम’ की सुविधा देते आप शायद ही देखे होंगे. भले ही पटना का नाम अब तक स्मार्ट सिटी की सूची में सुमार न हो पाया हो, लेकिन पटना की चर्चा स्मार्ट सिटी के रूप में होने लगी है. चर्चा होना भी लाजिमी है, अब पटना में फुटपाथ पर रेड़ी लगाने वाले भी देने लगे हैं, अपने ग्राहकों को ‘पेटीएम’ की सुविधा.
12वीं पास है ठेला लगाने वाला
स्मार्ट सिटी की दौड़ में शामिल पटना में ठेले पर गोलगप्पे बेचने वाले की स्मार्टनेस चर्चा में है. वह अपने ग्राहकों से 'पेटीएम' के जरिए पेमेंट की सुविधा देता है. पटना के प्रतिष्ठित मगध महिला कॉलेज की छात्राएं हो या फिर उस ओर से जाने वाले कोई अन्य ग्राहक सभी इस ठेले वाले के फैन हैं. गर्मी हो या जाड़ा सब दिन मगध महिला कॉलेज के गेट पर गोलगप्पा बेचने वाले का एक ठेला लगा रहता है और ठेले पर लगा है एक बोर्ड. उस बोर्ड को देख और पढ़कर एक नजर में सब हैरान रह जाते हैं. यह बोर्ड ठेले पर आने वाले ग्राहकों के लिए है जो उनके लिए पेटीएम की सुविधा की जानकारी देता है. इस ठेले को 12वीं पास गरीब किसान का बेटा सत्यम चलाता है, जो अपनी कमाई के पैसों से आगे कॉलेज में नामांकन कराने की तैयारी कर रहा है.
विदित हो कि 'पेटीएम' सीधे बैंक अकाउंट से जुड़ा एक ई-वॉलेट होता है. इसके जरिए शॉपिंग की जा सकती है. मोबाइल पर 'पेटीएम' एप डाउनलोड करने के बाद उस पर अपना अकाउंट बनाया जाता है. 'पेटीएम' वॉलेट का उपयोग करने के लिए उसमें अपने बैंक अकाउंट से पहले ही कुछ पैसा जमा कर दिया जाता है.
खुले पैसों को लेकर झिकझिक नहीं
दरअसल, स्मार्टफोन पर इस नई तकनीक के आने के बाद छोटे कारोबारी भी स्मार्ट हो रहे हैं. सत्यम भी उन्हीं में शामिल है. सत्यम बताता है कि इससे खुदरा पैसे के लिए ग्राहकों से झिकझिक करने की नौबत नहीं आती. कैश रखने की भी मजबूरी नहीं होती है. कॉलेज की छात्राएं ठेले से गोलगप्पे खातीं और पेटीएम के माध्यम से पेमेंट करती हैं.