
मॉब लिंचिंग की घटनाएं देश में लगातार बढ़ती ही जा रही हैं. झूठी अफवाहों पर भरोसा कर भीड़ ने कइयों को मौत के घाट उतार दिया या बुरी तरह जख्मी करके छोड़ दिया, लेकिन ऐसे आरोपियों पर एक्शन लेने में हमारा सिस्टम विफल रहा है. पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में कुछ ऐसा ही हुआ. अलवर में पहलू खान को भीड़ ने मार दिया और उसके सभी आरोपी बरी हो गए. इसी तरह अलवर में ही हरीश जाटव मॉब लिंचिंग मामले में न्याय नहीं मिलने के चलते हरीश के पिता रत्तीराम ने जहर खाकर जान दे दी. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये आरोपी कैसे छूट जा रहा हैं?
अभियोजन पक्ष की कमजोर पैरवी
सुप्रीम कोर्ट की वकील अंजुल द्विवेदी ने कहा कि मॉब लिंचिंग के आरोपी अभियोजन पक्ष की कमजोर दलीलों के कारण बच जाते हैं. अभियोजन पक्ष के पास पुख्ता साक्ष्य नहीं थे वरना पहलू खान केस में आरोपी बरी नहीं होते. सभी आरोपियों को संदेह का लाभ मिला है. अंजुल ने कहा कि पुलिस ऐसे मामलों में जिन्हें आरोपी बनाती है उस पर अभियोजन पक्ष के वकील को अच्छे से वर्क आउट करने की जरूरत है. यहीं से केस मजबूत होता है. उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग के मामलों में सरकार को भी मजबूती से कदम उठाना चाहिए. ऐसे ही कुछ मामलों पर नजर डालते हैं.
केस-1 पहलू खान, अलवर
पहलू खान की हत्या के मामले में कोर्ट का फैसला आ चुका है. कोर्ट ने मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. गौरतलब है कि साल 2017 में इस भीड़ ने गो-तस्करी के शक में पहलू खान को पीट-पीटकर मार डाला था. कोर्ट ने सभी 6 आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है.
बता दें कि एक अप्रैल 2017 को हरियाणा के नूंह मेवात जिले का निवासी पहलू खान जयपुर से दो गाय खरीद कर अपना घर जा रहा था. अलवर के बहरोड़ पुलिया से आगे निकलने पर भीड़ ने गाड़ी को रुकवा कर पहलू खान और उसके बेटों के साथ मारपीट की. इलाज के दौरान पहलू खान की अस्पताल में मौत हो गई थी. पहलू खान की हत्या के मामले में 8 आरोपी पकड़े गए थे. जिनमें दो नाबालिग हैं.
केस-2 हरीश जाटव, अलवर
हरीश जाटव मॉब लिंचिंग मामले में न्याय नहीं मिलने के चलते उसके पिता रत्तीराम ने जहर खा लिया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई. मामला राजस्थान के अलवर का है. जुलाई में हरीश जाटव की बाइक से एक महिला को टक्कर लग गई थी, जिसके बाद गुस्साई भीड़ ने उन्हें बेरहमी से पीटा था. पिटाई में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इलाज के लिए उन्हें भिवाड़ी से दिल्ली रेफर किया गया था. इलाज के दौरान उनकी दिल्ली में उनकी मौत हो गई थी. हरीश जाटव झिवानी के रहने वाले थे. वारदात चोपानकी थाने के फसला गांव में हुई थी, जो भिवाड़ी रोड पर है.
केस-3 तबरेज अंसारी, झारखंड
झारखंड के खरसवां में चोरी के शक में भीड़ ने तबरेज अंसारी पर हमला किया था. पुलिस को सौंपने से पहले भीड़ ने उसकी 18 घंटे से ज्यादा पिटाई की. युवक को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई. तबरेज अंसारी 24 साल का था. बता दें कि कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि 15 साल पहले तबरेज अंसारी के पिता मस्कूर अंसारी भी भीड़ की हिंसा का शिकार हो गए थे. इस मामले की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी निंदा की थी.
केस-4 अखलाक, ग्रेटर नोएडा
उत्तर प्रदेश के दादरी स्थित बिसहड़ा गांव में गोमांस रखने की अफवाह की वजह से लोगों ने अखलाक नाम के शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इस घटना में मृतक के बेटे को भी गंभीर चोट आई थी. जिसके बाद यूपी के तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए जांच के आदेश दिए थे. इस मामले में 15 लोगों के खिलाफ चार्जशीट तैयार की गई थी.
केस-5 डायन बताकर मार डाला, बिहार
इसी महीने बिहार के दानापुर में बच्चा चोरी के आरोप में तीन लोगों को पिटाई की गई थी. भीड़ ने लोगों को इतना पीटा कि एक शख्स की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दो अन्य बुरी तरह घायल हो गए थे. इससे पहले नवादा के गोविंदपुर थाना क्षेत्र के कोयलीगढ़ गांव में एक बुजुर्ग महिला को डायन बताकर पीट-पीटकर अधमरा कर दिया, बाद में महिला की मौत हो गई थी.