
राफेल डील मामले में याचिकाकर्ताओं ने केंद्र सरकार के जवाब में सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल कर दिया है. याचिकाकर्ताओं ने गुरुवार को कहा कि जिस सीएजी की रिपोर्ट का हवाला दिया गया उसमें कमियां हैं.
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में दलील दी है कि केंद्र सरकार ने गुमराह किया, तथ्यों और जानकारी को छिपाया. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि मामले में नियमों की अनदेखी की गई और फ्रॉड के आधार पर फैसला करवाया.
वहीं केंद्र ने इसका विरोध करते हुए कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कभी भी गलत दस्तावेज जमा नहीं किए. केंद्र सरकार ने कहा कि दिसंबर के फैसले में CAG की रिपोर्ट संबंधी त्रुटि का कोर्ट के क्लीन चिट देने पर कोई असर नहीं पड़ा है. केंद्र ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के फैसले को कई कारणों से सही ठहराया है. सुप्रीम कोर्ट ने राफेल लेने की प्रक्रिया और मूल्य निर्धारण को पहले ही मंजूरी दे दी है.
बता दें कि कोर्ट ने 14 दिसंबर के अपने आदेश में राफेल सौदे में अनियमितताओं की जांच की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था. केंद्र सरकार ने अपने हाल के हलफनामे में 14 दिसंबर के फैसले की समीक्षा का विरोध किया है, और कहा है कि राफेल सौदे में प्रत्यक्ष तौर पर कोई गलती नहीं हुई है.