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राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे पर EC के सुझाव पर विचार करेगी सरकार, SC में दाखिल PIL

कानून राज्यमंत्री पीपी चौधरी का कहना है कि मोदी सरकार हमेशा से ऐसे रिफॉर्म्स का फेवर करती है, जो करप्शन फ्री हो, ट्रांसपेरेंट हो. चुनाव सुधार हमेशा से बीजेपी सरकार का टॉप एजेंडा पर रहा है.

कानून राज्यमंत्री पीपी चौधरी कानून राज्यमंत्री पीपी चौधरी
अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 19 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 1:00 PM IST

राजनीतिक दलों को चंदा देने के संबंध में नियमों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. आयकर अधिनियम की धारा 13(ए) के तहत में राजनीतिक दलों को मिल रही छूट के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई है.

जनहित याचिका में धारा 13(ए) को निरस्त करने और राजनीतिक दलों को मिलने वाले गुप्तदान की सीबीआई जांच की मांग की है. चुनाव आयोग ने भी चुनाव में काले धन के प्रवाह पर रोक के प्रयास के तहत सरकार से कानूनों में संशोधन का आग्रह किया है ताकि राजनीतिक दलों को दो हजार रुपये और उसके ऊपर दिए जाने वाले गुप्त योगदानों पर रोक लगाई जा सके. अभी तक ये छूट 20000 रुपये है.

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वहीं कानून राज्यमंत्री पीपी चौधरी का कहना है कि मोदी सरकार हमेशा से ऐसे रिफॉर्म्स का फेवर करती है, जो करप्शन फ्री हो, पारदर्शी हो. चुनाव सुधार हमेशा से बीजेपी सरकार का टॉप एजेंडा पर रहा है. पीपी चौधरी का कहना है कि अब इलेक्शन कमीशन ने जो सिफारिश की, मेरी निजी राय के मुताबिक यह रिकमंडेशन बहुत अच्छी है. सरकार जरूर इस पर विचार करेगी और जहां तक संशोधन की बात है, वह ससंद के अंदर होगा. लेकिन गवर्नमेंट का मूड पॉजिटिव रिफॉर्म्स के प्रति है. चुनाव सुधारों के प्रति है. इसमें कोई दो राय नहीं है.

पॉलिटिकल पार्टी को आरटीआई के दायरे में लाने के बारे में पीपी चौधरी का कहना है कि इसमें ऐसा है कि सारी पॉलिटिकल पार्टी के साथ बैठकर बातचीत करनी पड़ेगी. लेकिन इस पर बीजेपी की राय प्रवक्ता बताएंगे. सभी पॉलिटिकल पार्टीज से आम राय बनाकर इस पर अमलीजामा पहनाया जा सकता है. सभी दलों की सहमति जरूरी है.

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