Advertisement

पीयूष गोयल बोले- नोटबंदी और जीएसटी ने ही दिलाई चुनाव में जीत

गिरती हुई अर्थव्यवस्था, जीएसटी और नोटबंदी पर पीयूष गोयल ने कहा कि नोटबंदी ने यह साबित किया कि सरकार के पास जनता के लिए भ्रष्टाचार से लड़ने का मुद्दा है. भले लोग दावा कर रहे हैं कि लोगों का रोजगार छिना है, कुछ सेक्टर का कहना है कि उन्हें घाटा हुआ है, लेकिन वे मानते हैं कि इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगा.

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल
aajtak.in
  • मुंंबई,
  • 20 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:40 PM IST

मुंबई में आयोजित इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2019 में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल पहुंचे. पीयूष गोयल ने अर्थव्यवस्था के साथ-साथ उद्योगों के विकास और निवेश पर कई अहम मुद्दे सामने रखे. नोटबंदी और जीएसटी पर बोलते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी की वजह से ही नरेंद्र मोदी को जनता ने फिर से चुना. भ्रष्टाचार पर नोटबंदी और जीएसटी की वजह से लगाम लगा. जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसी वजह से पसंद करती है.

Advertisement

गिरती हुई अर्थव्यवस्था, जीएसटी और नोटबंदी पर पीयूष गोयल ने कहा कि विमुद्रीकरण ने यह साबित किया कि सरकार के पास जनता के लिए भ्रष्टाचार से लड़ने का मुद्दा है. भले ही नोटबंदी से लोग दावा कर रहे हैं कि लोगों का रोजगार छिना है, कुछ सेक्टर का कहना है कि उन्हें घाटा हुआ है, लेकिन इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगा है.

नोटबंदी से बनी मोदी 2.0 की सरकार

पीयूष गोयल ने कहा कि मुझे लगता है कि नोटबंदी और जीएसटी की वजह से सरकार ने चुनाव जीता. लोगों को एहसास हुआ कि यह देश भ्रष्टाचार मुक्त हो सकता है. 'वन नेशन वन टैक्स' की वजह से ही भ्रष्टाचार और ब्लैकमनी पर लगाम लगी. कुछ सेक्टर भले ही इसकी वजह से बाधित हुए हों, कुछ भ्रष्टाचारियों पर इसकी चोट पड़ी हो, लोग हमें सूट-बूट की सरकार कह रहे हों लेकिन भारत की जनता भ्रष्टाचार के मुद्दे पर केंद्र सरकार के पहल के समर्थन में है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पसंद करती है.

Advertisement

कॉरपोरेट टैक्स में कटौती अर्थव्यवस्था के हित में

कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के सवाल पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती मोदी सरकार के लिए कोई स्टेरॉयड नहीं है. यह फैसला काफी विचार करने के बाद लिया गया है. इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अलग-अलग सेक्टर के लोगों से बातचीत की.  

सरकार ने सभी पहलुओं पर गौर किया, उद्दोग जगत पर भी विचार किया, जिसके बाद टैक्सों में कटौती का फैसला लिया गया. बजट के फैसले के बाद अचानक से नए फैसले पर पीयूष गोयल ने कहा कि बजट की घोषणा 5 जुलाई को की कई. हमने बेहद जल्द इस पर फैसला किया. लेकिन बजट पर काम बहुत पहले से शुरू हो गया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर हर वर्ग पर

टैक्स दरों में कटौती पर पीयूष गोयल ने कहा था इस मामले पर उद्योग जगत के लोगों ने अर्थव्यवस्था पर चिंता जताई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबकी सुनते हैं, किसी एक विशेष वर्ग की नहीं बल्कि अलग-अलग क्षेत्रों, इंडस्ट्री, वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नजर रखते हैं. मोदी सरकार ने तेजी से बढ़ रही व्यवस्था के लिए हर सेक्टर, हर वर्ग पर फोकस किया. सरकार का ध्यान आर्थिक और समाजिक तौर पर पिछड़े वर्ग पर भी बना हुआ है.

Advertisement

साल भर में पूरा होगा राजस्व घाटा

इंडिया टुडे के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल ने जब सवाल किया कि टैक्स में कटौती के बाद सरकार को इस ऐलान के बाद 1.45 लाख करोड़ का राजस्व घाटा होगा, इससे कैसे सरकार उबरेगी, तो पीयूष गोयल ने कहा कि राजस्व घाटे भले ही तत्काल पूरा न हो सके, लेकिन साल भर बाद राजस्व घाटा पूरा हो सकता है. इसी के समानांतर जीएसटी और इनकम टैक्स भी चलता है. इससे अर्थव्यवस्था को बढ़त मिल सकती है.

देश को वेल्थ क्रिएटर की जरूरत

कांग्रेस की सूट-बूट के सरकार और हाउडी मोदी के सवाल पर पीयूष गोयल ने हंसकर कहा कि कॉरपोरेट के लोगों ने सूट पहन रखा है, हमने तो नहीं पहना है. लेकिन जीवन का यह तथ्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव जीतने के बाद पहले ही भाषण में कहा कि पहली बार चुनाव भ्रष्टाचार और धर्मनिरपेक्षता के मुद्दे पर नहीं लड़ा गया. यह चुनाव परफॉर्मेंस के आधार पर लड़ा गया. अब इस देश में केवल जो जातिया हैं, पहली गरीबी, दूसरी वेल्थ क्रिएटर. वेल्थ क्रिएटर जनता के भले के लिए जरूरी हैं. उनकी वजह से आखिरी व्यक्ति तक रोजगार की पहुंच होती है.

ज्यादा एक्सपोर्ट ग्रोथ रेट में सुधार के लिए जरूरी

Advertisement

जेपी मॉर्गन के इकॉनमिस्ट साजिद चिनॉय ने पीयूष गोयल का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि केंद्र के कॉरपोरेट टैक्स में कटौती का परिणाम मीडियम इंडस्ट्री पर सबसे ज्यादा पड़ेगा. भारत 8 से 9 फीसदी ग्रोथ रेट तब तक हासिल नहीं कर सकता, जब तक पूरी तरह से एक्सपोर्ट अच्छा नहीं होता है. इसलिए हमें हमारा टार्गेट ज्यादा एक्सपोर्ट करने पर केंद्रित होना चाहिए.

इस कॉन्क्लेव में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन रजनीश कुमार, कोटक महिंद्रा म्यूचुअल के मैनेजिंग डायरेक्टर नीलेश शाह, जेबी मॉर्गन के अर्थशास्त्री साजिद चिनॉय और क्रेडिट क्रेडिट सुइस के मैनेजिंग डायरेक्टर नीलकंठ मिश्रा भी मौजूद रहे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement