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स्विस बैंक में काले धन पर क्या है सच्चाई? पीयूष गोयल ने संसद ने रखे ये 5 तथ्य

दरअसल तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंद्र शेखर रॉय ने पूछा कि सरकार हम लोग को बताए कि आखिर 15 लाख काला धन जनता के अकाउंट में कब आएगा?

वित्त मंत्री पीयूष गोयल वित्त मंत्री पीयूष गोयल
रणविजय सिंह/मौसमी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 24 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 2:16 PM IST

काले धन को लेकर राज्यसभा में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोक झोंक देखने को मिली. प्रश्नकाल के दौरान राज्यसभा में स्विस बैंक में जमा काले धन पर भी सरकार ने अपना पक्ष रखा. हालांकि सवाल जवाब की उधेड़बुन में तृणमूल कांग्रेस के सांसद वित्त मंत्री पीयूष गोयल पर बिखर गए.

दरअसल तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंद्र शेखर रॉय ने पूछा कि सरकार हम लोग को बताए कि आखिर 15 लाख काला धन जनता के अकाउंट में कब आएगा? इसपर पीयूष गोयल ने पलटवार करते हुए कहा कि शायद ऐसा लगता है कि सांसद साहब को काले धन के बारे में ज्यादा जानकारी है और अगर ऐसा है तो वह हमें भी यह जानकारी मुहैया कराएं.

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तृणमूल कांग्रेस को पीयूष गोयल का जवाब बिल्कुल रास नहीं आया और वह नारेबाजी करते हुए बेल में चले गए, जिसके वजह से राज्यसभा को दो बजे तक स्थगित करना पड़ा.

स्विस बैंक मैं भारतीय रुपए में वृद्धि को लेकर क्‍या है सरकार का जवाब?

1. वित्त मंत्री ने सदन को बताया कि हाल ही में स्विस बैंक के आंकड़ों को अखबारों में गलत ढंग से पेश किया गया. विपक्षी दलों ने भी 'बेबुनियाद खबर' को तरजीह दी.

2. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने सफाई देते हुए कहा कि मोदी सरकार ने 2014 से काले धन पर जबरदस्त प्रहार किया है. हकीकत यह है कि 2014 से 2017 तक स्विस नेशनल बैंक में काला धन 80% घटा है.

3. जहां तक 2018 के आंकड़ों का सवाल है तो भारत सरकार को लिखे जवाब में स्विस नेशनल बैंक ने यह साफ किया कि बीते दिन जारी किए गए आंकड़े विश्व भर में मौजूद स्विस नेशनल बैंक की टोटल राशी है. भारत में जो आंकड़ों को लेकर खबरें छपी हैं उन्होंने आंकड़ों को गलत ढंग से पेश किया है.

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4. पीयूष गोयल ने कहा कि हकीकत यह है कि 2018 में अगर हम स्विट्जरलैंड में तमाम बैंकों में जमा राशि का हिसाब ले तो भारतीय जमा राशि 34.5% घटी है. जो कि पिछले क्वार्टर में 44% तक पहुंच गई है.

5. इसके साथ ही सरकार ने 2014 में नई संधि स्विट्जरलैंड के साथ मंजूर की है. इसके तहत 2 जनवरी 2018 से स्विस बैंकों का सारा डाटा ऑटोमेटिक तरीके से भारत सरकार को मुहैया हो रहा है.

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