
ट्रिपल तलाक को लेकर इस समय देश में बहुत बड़ी बहस चल रही है, इसे खत्म कर देना चाहिए कि नहीं. ट्रिपल तलाक की जब से बहस शुरू हुई है तब से तलाक की पीड़ित मुस्लिम महिलाएं सामने आई हैं. इन महिलाओं ने सरकार से अपील की, उन लोगों को इंसाफ मिलना चाहिए. लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट में एक अलग तरह की याचिका दाखिल की गई है. ये याचिका हिन्दू लड़की की मुस्लिम लड़के से शादी के मसले को लेकर दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि हिन्दू लड़की और मुस्लिम लड़के के बीच निकाह होने के बाद मुस्लिम पति को ट्रिपल तलाक का हक न दिया जाए. याचिका में इस मांग के कई गंभीर कारण भी बताए गए हैं.
दरअसल याचिका में दावा किया गया है कि हिन्दू लड़की जब किसी मुस्लिम से शादी करती है तो जो निकाहनामा बनाया जाता है वो उर्दू में होता है और लड़की को ट्रिपल तलाक और मुस्लिम लड़के के बहुविवाह के बारे में जानकारी ही नहीं दी जाती है. याचिकाकर्ता ने याचिका में कई उदाहरण भी दिए है और दावा किया है कि कई हिन्दू लड़कियों ने उन्हें इंटरकास्ट मैरिज करने के बाद संपर्क किया है. पीड़ित लड़कियों का कहना है कि उन पर मुस्लिम लड़कों से शादी करके ट्रिपल तलाक का खतरा बना हुआ है और कई का तो तलाक हो चुका है जिसके बाद वो न तो मुस्लिम पति के घर रह पा रही है और न ही मुस्लिम से शादी करने के बाद वो अपने मायके लौट पा रही हैं.
गौरतलब है कि इस याचिका में गुहार लगाई गई है कि इंटरकास्ट मैरिज के मामले में अगर लड़की हिन्दू है तो ऐसी हालत मे ट्रिपल तलाक और मुस्लिम पति के बहुविवाह को गलत ठहराया जाए, साथ ही इंटरकास्ट मैरिज के मामले में शादी के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया जाए.
आपको बता दें कि याचिका में कहा गया है कि ट्रिपल तलाक से पीड़ित महिलाओं ने यू तो सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई हुई है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के सामने केवल मुस्लिम महिलाओं का मामला है. लेकिन जो हिन्दू महिलाएं भी ट्रिपल तलाक से प्रभावित हैं उनको लेकर कोई याचिका अब तक न ही लगाई गई है और न ही सुनी गई है. हाईकोर्ट इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई कर सकती है.