
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को आगामी बजट से पहले नीति आयोग द्वारा आयोजित अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक में हिस्सा लिया. बैठक में अर्थशास्त्रियों ने कई आर्थिक बिंदुओं मसलन कृषि, कौशल विकास और रोजगार सृजन, टैक्स और शुल्क संबंधी मामले, शिक्षा, डिजिटल प्रौद्योगिकी, आवास, पर्यटन, बैंकिंग आदि पर अपनी राय दी.
बैठक में 2022 तक कृषि आय को दोगुना करने पर सुझाव दिए गए. बैठक के बाद नीति आयोग के वाइस चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया ने बताया कि विशेषज्ञों ने पीएम मोदी को बताया कि भारत को टूरिज्म में अधिक निवेश करने की जरूरत है. बजट संबंधी मुद्दों पर चर्चा हुई कि कैसे टैक्स की दर को कम किया जाए. कॉरपोरेट और इनकम टैक्स में कमी करने को कहा गया.
पीएन मोदी ने 15 मिनट बोलते हुए कहा कि बजट पेश करने की तारीख पहले करने से वास्तविक अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर होगा क्योंकि इससे योजनाओं के लिए वित्त वर्ष की शुरआत में ही अधिकृत कोष उपलब्ध हो जाएगा. मोदी ने कहा कि बजट पेश करने की तारीख को पहले किया गया है ताकि नए वित्त वर्ष की शुरुआत में ही खर्च के लिए अधिकृत पूंजी उपलब्ध हो सके. सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 का बजट एक फरवरी को पेश करने का प्रस्ताव किया है. मोदी ने आर्थिक वृद्धि की रफ्तार बढ़ाने के लिए युवाओं की ताकत को जोड़ने पर जोर दिया.
बैठक में अन्य लोगों के अलावा वित्त मंत्री अरण जेटली, नीति आयोग के वाइस चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया और केंद्र सरकार और नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. इनके अलावा बैठक में प्रवीण कृष्ण, सुखपाल सिंह, विजय पाल शर्मा, नीलकंठ मिश्रा, सुरजीत भल्ला, पुलक घोष, गोविंदा राव, माधव चव्हाण, एनके सिंह, विवेक दहेजिया, प्रमथ सिन्हा, सुमित बोस और टी एन नाइनन जैसे अर्थशास्त्री और विशेषज्ञ मौजूद थे.
नोटबंदी पर चुप्पी
इसी मीटिंग के बाद नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने मीडिया से बात की. लेकिन नोटबंदी के सवाल को वो टालते ही दिखे. जिन एक्सपर्ट्स को मीटिंग में बुलाया गया थावो भी मीडिया से बात किए बिना चले गए. यानी नोटबंदी पर फिलहाल पीएम मोदी की एक्शन टीम अभी कुछ नहीं बोलना चाहती.