
प्रधानमंत्री कार्यालय ने अधिक मात्रा में विदेशी निवेश आकषिर्त करने के इरादे से एफडीआई नियमों को और उदार बनाने की रूपरेखा पर चर्चा के लिए 21 जून को एक बैठक बुलाई है. सूत्रों ने बताया, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैठक की अध्यक्षता कर सकते हैं, जिसमें वाणिज्य तथा उद्योग, वित्त एवं गृह मंत्रालय के अधिकारी भाग लेंगे.'
नए नियम लागू करने का प्रस्ताव
सरकार मौजूदा औषधि कंपनियों समेत और क्षेत्रों में एफडीआई नियमों को उदार बनाने पर विचार कर रही है. इस लिहाज से यह बैठक महत्वपूर्ण है. आर्थिक मामलों के विभाग ने मौजूदा औषधि कंपनियों में 49 प्रतिशत तक एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) स्वीकृत मार्ग से तथा इसके ऊपर के किसी भी निवेश के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से मंजूरी का नियम लागू करने का प्रस्ताव किया है.
नीति आयोग ने उठाए हैं कुछ मुद्दे
इस क्षेत्र में एफडीआई एक विवादास्पद मुद्दा है क्योंकि भारतीय औषधि कंपनियों की विदेशी इकाइयों द्वारा विलय एवं अधिग्रहण को लेकर चिंता जताई गई है. औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) ने तंबाकू क्षेत्र में एफडीआई पर पूरी तरह पाबंदी लगाने का प्रस्ताव किया है. इस प्रस्ताव का वित्त एवं स्वास्थ्य मंत्रालय ने समर्थन किया है लेकिन नीति आयोग ने कुछ मुद्दे उठाए हैं.
कई क्षेत्रों में लाया गया है एफडीआई
सूत्रों के अनुसार इसके अलावा एकल खुदरा ब्रांड तथा खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में कुछ नीतियों में बदलाव देखने को मिल सकता है. पिछले वर्ष सरकार ने रक्षा, खुदरा तथा निर्माण गतिविधियों समेत एक दर्जन से अधिक क्षेत्रों में एफडीआई नियमों को उदार बनाया था. वित्त वर्ष 2015-16 में एफडीआई 40 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर रहा.