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संसद के शीत सत्र की टेबल पर होंगे ये 14 नए बिल

सत्र के दौरान 25 विधेयक पेश किये जाने की उम्मीद है, जिसमें से 14 नये विधेयक होंगे. संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि संसद चर्चा का सर्वोच्च स्थान है और सरकार नियमों के तहत किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार है. 

संसद (फाइल) संसद (फाइल)
नंदलाल शर्मा
  • नई दिल्ली ,
  • 15 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:30 AM IST

संसद के शीतकालीन सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है, जहां विपक्ष गुजरात चुनाव के चलते सत्र में विलम्ब के साथ-साथ जीएसटी, नोटबंदी, राफेल और किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर विपक्ष सरकार को घेरेगा, वहीं गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के परिणाम की छाया भी देखने को मिल सकती है.

शीत सत्र में पेश होंगे 25 विधेयक

सत्र के दौरान 25 विधेयक पेश किये जाने की उम्मीद है, जिसमें से 14 नये विधेयक होंगे. संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि संसद चर्चा का सर्वोच्च स्थान है और सरकार नियमों के तहत किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार है.  

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उन्होंने राजनीतिक दलों से अपील की कि वे महत्वपूर्ण विधेयकों पर उपयोगी और रचनात्मक बहस में सहयोग करें और संसद के दोनो सदनों की कार्यवाही सुचारू रूप से चलना सुनिश्चित करें. इससे पहले संसद सत्र में विलंब को लेकर सरकार विपक्ष की तीखी आलोचना का सामना कर चुकी है . 15 दिसंबर से शुरू हो रहा शीतकालीन सत्र 5 जनवरी तक चलेगा.

सत्र के दौरान अध्यादेश के स्थान पर तीन विधेयक लाये जाने का प्रस्ताव किया गया है जिसमें वस्तु एवं सेवा कर से संबंधित मुआवजा अध्यादेश, 2017 के स्थान पर विधेयक शामिल है. यह अध्यादेश 2 सितंबर 2017 को जारी किया गया था. इसके अलावा सरकार का ऋण शोधन और दिवाला संहिता संशोधन अध्यादेश और भारतीय वन संशोधन अध्यादेश, 2017 के स्थान पर भी विधेयक लाने का सरकार का प्रस्ताव है.

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सरकार का तीन तलाक पर लगी अदालती रोक को कानूनी जामा पहनाने के लिए भी विधेयक पेश करने और पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाने वाले संविधान संशोधन विधेयक को पुन: लाने का भी इरादा है.

सत्र के दौरान नागरिकता संशोधन विधेयक 2016, मोटरवाहन संशोधन विधेयक 2016 और ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिकार संरक्षण विधेयक को पारित कराने पर भी जोर दिया जा सकता है.

शीत सत्र की टेबर पर होंगे ये 14 नए बिल

1. गुड्स एवं सर्विस टैक्स (राज्यों को मुआवजा) संशोधन बिल, 2017

2. भारतीय वन संशोधन अध्यादेश, 2017 के स्थान पर भारतीय वन विधेयक (संशोधन) 2017

3. ऋण शोधन और दिवाला संहिता संशोधन अध्यादेश 2017

4. उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2017

5. अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध और जमाकर्ता ब्याज बिल 2017 के हित की सुरक्षा विधेयक, 2017

6. The Negotiable Instruments (Amendment) Bill, 2017

7. दंत चिकित्सक (संशोधन) बिल, 2017

8. ग्रेच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2017

9. जन प्रतिनिधित्व संशोधन विधेयक, 2017

10. उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय न्यायाधीश (वेतन और सेवा की शर्तें) संशोधन बिल, 2017

11. विशिष्ट राहत (संशोधन) विधेयक, 2017

12. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र कानून (विशेष प्रावधान) तीसरा संशोधन विधेयक, 2017

13. राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (संशोधन) विधेयक, 2017

14. मुस्लिम महिला (शादी से संबंधित अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2017

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सत्र के दौरान कांग्रेस समेत विपक्षी दल कई मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार को निशाने पर लेने का प्रयास कर सकते हैं. संभावना है कि इस सत्र में जीएसटी और नोटबंदी को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमलावर होगी. कांग्रेस शुरुआत से ही जीएसटी एवं नोटबंदी को लागू करने के फैसले को जल्दबाजी में लिया गया कदम बताती आई है.

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