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देशभर में दलितों के साथ बढ़ रहे अत्याचार के मामलों को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि इसके लिए कुछ स्वयंभू ठेकेदार जिम्मेदार है. पीएम ने कहा कि ये ठेकेदार सामाजिक समस्या को राजनीतिक रंग देते हैं.
पीएम ने 'नेटवर्क 18' को दिए इंटरव्यू में ये बात कही. मोदी बोले कि वह दलितों और समाज के दूसरे दमित तबकों के कल्याण के लिए कटिबद्ध हैं. लेकिन कुछ लोग इसे नहीं पचा सकते कि 'मोदी दलित समर्थक हैं'.
किसी के भी खिलाफ हिंसा निंदनीय
पीएम मोदी ने इंटरव्यू में कहा कि दलितों के खिलाफ या किसी के भी खिलाफ हिंसा की घटनाएं निंदा के लायक है. यह किसी भी सभ्य समाज को शोभा नहीं देता है. उन्होंने कहा कि 'मैं अपनी खुद की पार्टी के नेताओं सहित राजनीतिक नेताओं से कहना चाहता हूं कि किसी भी व्यक्ति या समुदाय के खिलाफ किसी भी तरह का गैर जिम्मेदाराना बयान नहीं दिया जाना चाहिए.' प्रधानमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक जीवन से जुड़े लोग, चाहे वह सामाजिक संगठनों से क्यों न जुड़े हों, उन्हें देश की एकता के बारे में, समाज की एकता के बारे में, भाईचारा के बारे में सोचना चाहिए न कि विषाद की स्थिति उत्पन्न करनी चाहिए. उन्हें बहुत ज्यादा सतर्क रहना चाहिए.’
विश्वास और विकास कश्मीर के लिए अहम
कश्मीरपर पीएम बोले की राज्य में चल रही समस्या के समाधान के लिए विकास और विश्वास बहुत जरूरी है. उन्होंने उम्मीद जताई कि घाटी के युवा गुमराह नहीं होंगे. घाटी में चल रही अशांति के बीच उन्होंने कश्मीर को शांति और एकता के साथ आगे ले जाने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि यह असल मायने में धरती का स्वर्ग बना रहे.
'अर्थव्यवस्था ने सबसे बुरा दिन देखा'
पीएम मोदी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था कठिन दौर से ऊबर रही है. निजी निवेश में कमी पिछली यूपीए सरकार के जमाने से चली आ रही है. मोदी ने आगे कहा कि 'देश की अर्थव्यवस्था ने सबसे बुरा दौर देखा है', और सरकार का इरादा इसमें अल्पकालिक उपाय कर के कृत्रिम तेजी लाने का नहीं है.