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नोटबंदी के बाद सरकार का क्रिसमस गिफ्ट, ई-पेमेंट करें और बनें करोड़पति

नोटबंदी के बाद नकदी की संकट से जूझ रहे लोगों को राहत देने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार उनके लिए क्रिसमस गिफ्ट लेकर आई है. सरकार ने कैशलेस ट्रांसजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए 'लकी ग्राहक' और 'डिजिधन व्यापार' योजना शुरू करने जा रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
साद बिन उमर
  • नई दिल्ली,
  • 25 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 2:06 PM IST

नोटबंदी के बाद नकदी की संकट से जूझ रहे लोगों को राहत देने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार उनके लिए क्रिसमस गिफ्ट लेकर आई है. सरकार कैशलेस ट्रांसजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए 'लकी ग्राहक' और 'डिजिधन व्यापार' योजना शुरू करने जा रही है. क्रिसमस के दिन से शुरू हुई यह योजना 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती तक चलेगी और इस दौरान कैशलेस पेमेंट करने वालों पर रोज इनामों की बारिश होगी.

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लकी विजेता को 1 करोड़ रुपये का इनाम
नीति आयोग ने इस योजना की जानकारी देते हुए बताया कि इन दोनों योजनाओं के तहत यूपीआइ, यूएसएसडी, आधार नंबर आधारित पेमेंट सिस्टम और रुपे कार्ड से डिजिटल ट्रांजैक्शन करने वालों को पुरस्कार दिया जाएगा. इसके मुताबिक, लकी ग्राहक योजना के तहत हर दिन 15000 ग्राहकों को 1000 रुपये का कैशबैक मिलेगा. इसके साथ ही इस योजना में हर हफ्ते वीकली ड्रा निकाला जाएगा, जिसमें जीतने वाले 7 लोगों को एक-एक लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा. वहीं योजना के अंतिम दिन 14 अप्रैल को मेगा अवाडर्स का ऐलान किया जाएगा, जिसमें लकी विजेता को 1 करोड़ रुपये का इनाम मिलेगा.

व्यापारियों के लिए भी लुभावने ऑफर
वहीं, कारोबारियों को कैशलेस सुविधा की तरफ आकर्षित करने के मकसद से शुरू 'डिजिधन व्यापार योजना' के तहत वीकली ड्रा में व्यापारियों के लिए हर हफ्ते अधिकतम 50 हजार रुपये का इनाम रखा गया है. इसके अलावा मेगा ड्रा में कारोबारियों के लिए 50, 25 और 5 लाख रुपये के इनाम रखे गए हैं.

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देश में 8 नवंबर को नोटबंदी के एलान के बाद बड़े शहरों में लोगों ने कैशलेस ट्रांजैक्शन की तरफ बढ़ना शुरू कर दिया. सरकार चाहती है देश के दूसरे शहरों में भी लोग ई-पेमेंट की तरफ बढ़े. इस योजना से सरकार की कोशिश है कि ट्रांसजैक्शन को ज्यादा-ज्यादा से पारदर्शी बना जाए, ताकि ना सिर्फ भ्रष्टाचार पर लगाम लगे, बल्कि ज्यादा-ज्यादा आबादी को टैक्स के दायरे में भी लाया जा सके.

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