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100 दिन में मोदी की ऐतिहासिक हैट्रिकः तीन तलाक-370 खत्म, NRC तैयार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने जीवन के 69 साल का सफर पूरा कर लिया. देश भर में उनका 70वां जन्मदिवस मनाया जा रहा है. मोदी सरकार ने दूसरी पारी के इन सौ दिनों में महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसलों की हैट्रिक लगाई है, ये वो मामले थे जो देश में पिछले 70 सालों से लटके हुए थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल-फोटो) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल-फोटो)
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 17 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 9:16 AM IST

  • मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से आजादी
  • जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को बेअसर करना
  • घुसपैठियों की पहचान के लिए NRC का प्रकाशन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने जीवन के 69 साल का सफर पूरा कर लिया. देश भर में उनका 70वां जन्मदिवस ऐसे समय में मनाया जा रहा है, जबकि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे हुए महज कुछ दिन बीते हैं. मोदी सरकार ने इन सौ दिनों में महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसलों की हैट्रिक लगाई है, ये वो मामले थे जो देश में पिछले 70 सालों से लटके हुए थे. फिर चाहे वो तीन तलाक से मुस्लिम महिलाओं को निजात दिलाना हो, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाना हो या NRC रजिस्टर तैयार कर देश में अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान करना.

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तीन तलाक से मुक्ति

नरेंद्र मोदी सरकार ने लगातार दूसरी बार सत्ता में आते ही सबसे पहले मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से निजात दिलाने का कदम उठाया. मोदी सरकार ने तीन तलाक को पूरी तरह से बैन करने और इसे अपराध घोषित करने हेतु 'मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2019' को लोकसभा और राज्यसभा से पारित कराया. राज्यसभा में बहुमत न होने के बाद भी मोदी सरकार इस कानून को अमलीजामा पहनाने में कामयाब रही. सरकार के पहले कार्यकाल से ही यह मुद्दा बीजेपी के प्रमुख एजेंडे में शामिल था.

तीन तलाक के खिलाफ मुस्लिम महिलाएं काफी लंबे समय से आवाज उठा रही थीं. इस दौरान कांग्रेस से लेकर जनता दल, तीसरा मोर्चा और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार रही. प्रगतिशील माने जाने वाले लेफ्ट के समर्थन की सरकारें भी सत्ता में रहीं. बावजूद इसके तीन तलाक के खिलाफ किसी भी सरकार ने कानून बनाने का साहस नहीं दिखाया. यही वजह है कि नरेंद्र मोदी सरकार की ये उपलब्धि ऐतिहासिक कही जा रही है.  

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अनुच्छेद-370 को बेअसर करना

मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में सबसे ऐतिहासिक फैसला जम्मू-कश्मीर को लेकर लिया जो जनसंघ के जमाने से पार्टी की प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर रहा है. सरकार ने जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने का कदम उठाने के साथ-साथ राज्य को दो हिस्सों में बांटने का काम भी किया.

बीजेपी जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की मांग काफी लंबे समय से उठाती रही थी, लेकिन ये मसला हर बार टलता ही रहा. पिछले 70 साल में देश में कई सरकारें आईं और चली गईं लेकिन हर कोई इसमें हाथ डालने से कतराता रहा. मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के 100 दिन के अंदर ही धारा 370 को जिस तरह निष्प्रभावी बना दिया, वो विपक्ष को भी हैरान कर गया. इस फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुआ कहा था कि यह निर्णय उन्होंने काफी सोच-समझ कर लिया है और आगे सरकार का कश्मीर को लेकर बड़ा प्लान भी है, ताकि घाटी में विकास को बढ़ाया जा सके. मोदी सरकार के इस फैसले के बाद कश्मीर में एक देश, एक विधान और एक निशान लागू हो गया है.

NRC का प्रकाशन

मोदी सरकार और राज्य की बीजेपी सरकार के प्रयासों से असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को प्रकाशित कर दिया गया है, इसके जरिए प्रदेश में रह रहे घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें उनके देश वापस भेजा जाना है. इस पूरी प्रक्रिया से पहली बार पता चल सका कि असम में 19 लाख लोग अवैध तरीके से रह रहे हैं. असम के बाद अब देश के अलग-अलग राज्यों में एनआरसी की मांग उठने लगी है.

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपने-अपने प्रदेश में एनआरसी की मांग उठायी है. इसके अलावा बीजेपी पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में एनआरसी लागू करने का वादा कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तक एनआरसी के मुद्दे को उठाते रहे हैं. हाल ही में होने जा रहे महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा और उसके बाद दिल्ली के विधानसभा चुनाव के प्रचार में भी इसकी गूंज सुनाई देने के भरपूर आसार हैं

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