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डी. गुकेश बने सबसे युवा ग्रैंडमास्टर, इंडिया टुडे की खबर ट्वीट कर पीएम ने दी बधाई

शतरंज की चाल में दिग्गजों को छकाने वाले डी. गुकेश ने महज 7 साल की उम्र में ही चेस खेलना शुरू कर दिया था. हालांकि उन्होंने ये खेल तो मन बहलाने के लिए शुरू किया लेकिन जल्द ही वे इसके दीवाने हो गए.

डी गुकेश भारत के सबसे कम उम्र के ग्रैंड मास्टर बने हैं. डी गुकेश भारत के सबसे कम उम्र के ग्रैंड मास्टर बने हैं.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 8:52 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के सबसे युवा चेस चैम्पियन ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश को बधाई दी है. पीएम मोदी ने इंडिया टुडे की खबर को ट्वीट कर डी. गुकेश की कामयाबी पर खुशी जताई और उन्हें शुभकामनाएं दी हैं.

पीएम ने लिखा, " द चैम्पियन ऑफ चेस, युवा डी. गुकेश ने अपनी उपलब्धि से देश को गौरवान्वित किया है. उसकी लगन और दृढ़ता देखने लायक है! उसे मेरी ओर से बधाई और भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं."

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बता दें कि डी. गुकेश ने दिल्ली में आयोजित दिल्ली इंटरनेशनल चेस ग्रैंडमास्टर ओपन का खिताब जीतकर सबको चौंका दिया. 12 साल के डी. गुकेश ये खिताब हासिल करने वाले भारत के सबसे कम उम्र के चेस खिलाड़ी हैं.

शतरंज की चाल में दिग्गजों को छकाने वाले डी. गुकेश ने महज 7 साल की उम्र में ही चेस खेलना शुरू कर दिया था. हालांकि उन्होंने ये खेल तो मन बहलाने के लिए शुरू किया लेकिन जल्द ही वे इसके दीवाने हो गए. हालांकि डी. गुकेश भारत के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर हैं, लेकिन मात्र 17 दिनों से वह इंटरनेशनल रिकॉर्ड तोड़ने से चूक गए. दुनिया के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर का रिकॉर्ड रूस के सर्गेई कारजाकिन के नाम है. यह रिकॉर्ड उन्होंने 2002 में बनाया था.

युवा डी. गुकेश शतरंज की चालों को समझने के लिए रोजाना 7 घंटे प्रैक्टिस करते हैं. वे अपनी कामयाबी का श्रेय अपने स्कूल वेलम्मल विद्यालय के शिक्षकों को देते हैं. चेस में इनकी रूचि को देखते हुए स्कूल के चेस मैनेजर ने गुकेश को इस खेल में आगे बढ़ाया. अब ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश की नजर दुनिया के बड़े टाइटल्स पर है. अपनी सफलता को जारी रखते हुए वह अपना रिकॉर्ड और भी सुधारना चाहते हैं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में सभी तरह की खेल प्रतिभाओं को बढ़ाने के लिए खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते रहते हैं. भारत में इसी उद्देश्य से खेलो इंडिया कार्यक्रम शुरू किया गया है. इसका मकसद भारत में जमीनी स्तर पर खेल की संस्कृति को बढ़ावा देना और उसका विकास करना है.

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