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MANN KI BAAT: PM मोदी ने याद किया सर्जिकल स्ट्राइक करने वाले जवानों का पराक्रम

भारतीय सुरक्षाबलों ने 2 साल पहले 28-29 सितंबर की रात पाकिस्तान की सीमा में घुसकर वहां मौजूद आतंकियों और उनके ठिकानों को तहस-नहस कर दिया था. सिर्फ इतना ही नहीं भारत ने जवानों के इस पराक्रम का बाकायदा ऐलान भी किया था.

पीएम मोदी पीएम मोदी
जावेद अख़्तर
  • नई दिल्ली,
  • 30 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 12:24 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडिया कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने पाकिस्तान पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी वर्षगांठ को याद करते हुए सैनिकों के पराक्रम को सलाम किया. साथ ही पाकिस्तान को ये कहते हुए आगाह भी किया कि देश की शांति भंग करने वालों को सैनिक मुंहतोड़ जवाब देंगे.

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'मन की बात' के 48वें संस्करण में पीएम मोदी ने देश के सैनिकों के बारे में बात की. उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान की गई सार्जिकल स्ट्राइक के 2 वर्ष पूरे होने पर सभी देशवासियों ने 29 सितंबर को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया. देशवासियों ने उस सर्जिकल स्ट्राइक को याद किया जब आतंकवाद की आड़ में प्रॉक्सी वार करने वालों को जवानों ने मुहंतोड़ जवाब दिया था. पराक्रम पर्व जैसा दिवस युवाओं को हमारी सशस्त्र सेना के गौरवपूर्ण विरासत की याद दिलाता है और देश की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने के लिए हमें प्रेरित भी करता है.'

वहीं, पीएम मोदी ने शांति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए कहा कि हम सदा ही शांति के प्रति वचनबद्ध और समर्पित रहे हैं. 20वीं सदी में दो विश्वयुद्धों में हमारे एक लाख से अधिक सैनिकों ने शांति के प्रति अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. आज भी यूनाइटेड नेशंस की अलग-अलग शांति स्थापित करने वाले सुरक्षाबलों में भारत सबसे अधिक सैनिक भेजने वाले देशों में से एक है.

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सर्जिकल स्ट्राइक के बहाने पाकिस्तान को चेताते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'अब यह तय हो चुका है कि हमारे सैनिक उन सबको मुंहतोड़ जवाब देंगे जो हमारे राष्ट्र में शांति और उन्नति के माहौल को नष्ट करने का प्रयास करेंगे.'

वायुसेना की तारीफ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि 8 अक्टूबर को हम वायुसेना दिवस के रूप में मनाते हैं. 1932 में छह पायलट और 19 वायु सैनिकों के साथ एक छोटी सी शुरुआत से बढ़ते हुए हमारी वायुसेना आज 21वीं सदी की सबसे साहसिक और शक्तिशाली एयरफोर्स में शामिल हो चुकी है. यह अपने आप में एक यादगार यात्रा है. उन्होंने कहा कि 1965 हो, 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता की लड़ाई हो या फिर 1999 में करगिल की लड़ाई सब जगह वायु सेना ने अपना पराक्रम दिखाया है.

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