
कजाकस्तान के अस्ताना में 8 जून से शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट की शुरुआत हो रही है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिरकत करेंगे. बुधवार को पीएम मोदी ने इस सिलसिले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी समेत कई शीर्ष मंत्रियों से मुलाकात की. दरअसल, कजाकस्तान में SCO समिट से इतर पीएम मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच मुलाकात की अटकलें लगाई जा रही हैं.
हालांकि पीएम मोदी की इस मुलाकात से पहले विदेश मंत्री सुषमा ने कहा कि पीएम मोदी और पीएम शरीफ के बीच मुलाकात निर्धारित नहीं है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक की संभावना है, लेकिन अभी तक यह निर्धारित नहीं किया गया है. SCO की सदस्यता को लेकर मंत्रालय ने कहा कि इससे जुड़ने का मकसद व्यापार, संपर्क, ऊर्जा, बैंकिंग और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग को बढ़ाना है.
एससीओ में भारत को सदस्यता मिलना एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है. संगठन के दोनों बड़े देश चीन और रूस ने भी भारत का स्वागत किया है. वहीं, चीनी मीडिया ने कहा है कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे के अंतरराष्ट्रीयकरण करने के लिए शंघाई कॉरपोरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) का इस्तेमाल नहीं कर सकता है.
चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह संगठन कश्मीर मुद्दे के अंतरराष्ट्रीयकरण करने में कतई समर्थन नहीं करेगा. पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर मुद्दे को उछालने की लंबे समय से कोशिश कर रहा है, लेकिन उसको हर बार मुंह की खानी पड़ रही है. इस बाबत भारत का कहना है कि कश्मीर विवाद द्विपक्षीय मुद्दा है. लिहाजा इसको पाकिस्तान और भारत सुलझाएंगे.