
पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हत्याओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. लोकसभा चुनाव के दौरान बंगाल में जमकर हिंसा हुई थी. चुनाव परिणाम के बाद कल गुरुवार को नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह से कुछ घंटे पहले बंगाल में बीजेपी के एक और कार्यकर्ता की निर्मम हत्या कर दी गई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को जहां दिल्ली में अपने दूसरे कार्यकाल की शपथ लेने की तैयारी कर रहे थे, वहीं शपथ ग्रहण से कुछ घंटे पहले ही बंगाल में कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या कर दी. मृतक की पत्नी के अनुसार, जय श्री राम का नारा लगाने से नाराज टीएमसीकर्मियों ने उसके पति की हत्या कर दी.
यह घटना पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्दवान जिले के केतुग्राम थाना के पांडू ग्राम के पूर्व पाड़ा इलाके की है. यह वारदात गुरुवार दोपहर को हुई. बीजेपी कार्यकर्ता सुशील मंडल (52) के पेट में चाकू मारकर हत्या कर दी गई. सुशील मंडल के पत्नी ने हत्या के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है.
बंगाल में राजनीतिक हिंसा
लोकसभा चुनाव के दौरान बंगाल में राजनीतिक हिंसा चर्चा में रही. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह से पहले भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के 54 परिवार वालों को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता दिया. इन कार्यकर्ताओं के परिजन गुरुवार को मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए.
बीजेपी ने इन सभी कार्यकर्ताओं के परिजनों को रहने-ठहरने की सारी व्यवस्था की. इस निमंत्रण सूची में 16 जून 2013 से 26 मई 2019 तक जितने बीजेपी कार्यकर्ता राजनीतिक हिंसा के शिकार हुए उनके परिवार वालों को न्योता दिया गया.
बीजेपी के रिकॉर्ड के मुताबिक 16 जून 2013 को नृपेन मंडल नाम के कार्यकर्ता की हत्या हुई थी. बीजेपी के मुताबिक टीएमसी के गुंडों ने इनकी हत्या की थी. पार्टी के रिकॉर्ड के मुताबिक 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भी 2 कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई. इनके नाम चंदन साव और शांतू घोष है.