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जब PM मोदी ने शायराना अंदाज में कांग्रेस को याद दिलाई असलियत!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में भाषण के लिए जब खड़े हुए तो उन्होंने पहले अविश्वास प्रस्ताव को लोकतंत्र की महत्वपूर्ण शक्ति का परिचायक बताया. इसके बाद उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बिना उनके बयान का तंज भरे अंदाज में जवाब दिया.

पीएम नरेंद्र मोदी पीएम नरेंद्र मोदी
जावेद अख़्तर
  • नई दिल्ली,
  • 21 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 8:37 AM IST

शुक्रवार को संसद में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान चुटीले भाषणों के साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की झप्पी सबसे ज्यादा चर्चित रही. पीएम मोदी से गले मिलने के बाद उन्होंने अपने साथी सांसद को आंखों के इशारे से कुछ बताने की भी कोशिश की, जिसे आधार बनाकार लोकसभा स्पीकर ने भी नसीहत दे डाली. वहीं, दूसरी तरफ पीएम मोदी ने अलग ही अंदाज में राहुल गांधी की चुटकी ली. इस सबके बीच सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष की तरफ से शायराना अंदाज भी देखने को मिला.

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देर रात जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में भाषण के लिए खड़े हुए तो उन्होंने पहले तो अविश्वास प्रस्ताव को लोकतंत्र की महत्वपूर्ण शक्ति का परिचायक बताया. इसके बाद उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बिना उनके बयान का तंज भरे अंदाज में जवाब दिया. यहां तक कि पीएम मोदी ने कांग्रेस के संख्याबल की ताकत को भी शायरी के जरिए बताया.

पीएम मोदी ने पढ़ीं ये पंक्तियां

न माझी न रहबर,

न हक में हवाएं,

है कश्ती भी जर्जर,

ये कैसा सफर है.

दरअसल, पीएम मोदी अविश्वास प्रस्ताव लाने की मंशा का जिक्र कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि बहुमत न होने के बावजूद भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. जिसके बाद चर्चा को 48 घंटे तक रुकवाने की बात की गई. पीएम ने कहा कि अगर चर्चा की तैयारी नहीं थी, तो प्रस्ताव क्यों लाया गया. विपक्ष की तैयारी पर सवाल उठाते हुए ही पीएम मोदी ने शायरी पढ़ी.

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इस शायरी के जरिए पीएम मोदी ने कांग्रेस के नेतृत्व से लेकर देशभर में उसे मिल रही चुनावी हार को भी सामने रख दिया. पीएम मोदी के अलावा एआईएमआईएम के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी मशहूर शायर हबीब जालिब की शायरी पढ़कर अपना भाषण दिया. वहीं, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने भी कुछ उसी अंदाज में अपनी बात पूरी की.

मोदी सरकार को मिले 325 वोट

लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ पहले अविश्वास प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में कुल 451 सांसदों ने वोटिंग की. इस वोटिंग में प्रस्ताव के पक्ष में 126 वोट पड़े जबकि अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ 325 वोट किए गए और इस तरह तेलुगु देशम पार्टी की ओर से लाया गया अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया.

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