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देश की आर्थिक दशा-दिशा पर PM मोदी के भाषण की बड़ी बातें

द इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (ICSI) के गोल्डन जुबली समारोह में पहुंचे पीएम मोदी ने अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा पर भी बिना नाम लिए जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की निराशा फैलाने की आदत होती है. निराशा फैलाने वालों की पहचान करना बेहद जरूरी है.

पीएम मोदी पीएम मोदी
राम कृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 04 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 9:00 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को द इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (ICSI) के गोल्डन जुबली समारोह का उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा पर भी बिना नाम लिए जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की निराशा फैलाने की आदत होती है. निराशा फैलाने वालों की पहचान करना बेहद जरूरी है.

उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को निराशा फैलाकर अच्छी नींद आती है. गोल्डन जुबली समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज ICSI अपने 50वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. इस अवसर पर मैं इस संस्था से जुड़े सभी लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं. आज मुझे बहुत खुशी है कि मैं ऐसे विद्वानों के बीच आया हूं, जो इस बात के लिए जिम्मेदार हैं कि देश में मौजूद प्रत्येक कंपनी कानून का पालन करे, अपने बही-खातों में गड़बड़ी ना करे और पूरी पारदर्शिता रखे.

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PM मोदी के भाषण की बड़ी बातें...

1. मोदी ने कहा कि सीएस देश का कॉरपोरेट कल्चर तय होता है. ICSI का मोटो भी है- 'सत्यम वद्, धर्मम चर्' यानी सत्य बोलो और नियम-कानून का पालन करो.

2. सरकार ने संस्थागत ईमानदारी बढ़ाने के लिए नोटबंदी और GST जैसे ऐतिहासिक फैसले लिए. सरकार के परिश्रम का ही परिणाम है कि आज देश की अर्थव्यवस्था कम कैश के साथ चल रही है. नोटबंदी के बाद Cash to GDP Ratio 12 प्रतिशत से घटकर 9 प्रतिशत पर आ गया है.

3. पिछली यूपीए सरकार के 6 साल में 8 बार ऐसे मौके आए जब विकास दर 5.7 प्रतिशत या उससे नीचे गिरी. देश की अर्थव्यवस्था ने ऐसे क्वार्टर्स भी देखे हैं, जब विकास दर 0.2 प्रतिशत, 1.5 प्रतिशत तक गिरी.

4. कुछ लोगों की निराशा फैलाने की आदत होती है. डोकलाम मामले को लेकर भी कुछ लोगों को हताशा हुई. ऐसे निराशा फैलाने वालों की पहचान करना बेहद जरूरी है.

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5. कभी भारत अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में एक नए ग्रुप का हिस्सा बनाया गया था. ये ग्रुप G-7, G-8, G-20  नहीं थे, बल्कि इस ग्रुप का नाम था- Fragile Five. इसे ऐसा Dangerous ग्रुप माना गया था, जिसकी अर्थव्यवस्था खुद की समस्या होने के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था की रिकवरी में भी बाधा थी.

6. मोदी ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में 7.5 प्रतिशत की औसत ग्रोथ हासिल करने के बाद इस वर्ष अप्रैल-जून की तिमाही में GDP ग्रोथ में कमी दर्ज की गई, लेकिन ये बात भी उतनी ही सही है कि सरकार इस ट्रेंड को रिवर्स करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. मेरे जैसे अर्थशास्त्र के कम जानकार को अब भी ये समझ नहीं आता कि उस समय बड़े-बड़े अर्थशास्त्रियों के रहते ऐसा कैसे हो गया था?

7. बदलती हुई देश की इस अर्थव्यवस्था में अब ईमानदारी को प्रीमियम मिलेगा और ईमानदारों के हितों की सुरक्षा की जाएगी. पिछले तीन वर्षों में 21 सेक्टरों से जुड़े 87 छोटे-बड़े सुधार किए गए हैं. सुधार की ये प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी.

8.  GST से व्यापारियों को होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार कदम उठाएगी. व्यापारियों को डरने की जरूरत नहीं है. पिछले रिकॉर्ड नहीं खंगाले जाएंगे. वाहनों की बिक्री और विदेशी निवेश में हुआ इजाफा.

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9. मोदी ने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी, तो जीएसटी में बदलाव संभव है. जीएसटी काउंसिल इस पर विचार कर रही है. उन्होंने हम लकीर के फकीर नहीं हैं, न ही हम दावा करते हैं कि सारा ज्ञान हमारे पास ही है.

10. PM मोदी ने कहा, 'मैं जानता हूं कि रेवड़ी बांटने के बजाय लोगों और देश को सशक्त करने के काम में कई बार मुझे आलोचना का भी सामना करना पड़ेगा, लेकिन मैं अपने वर्तमान की चिंता में देश के भविष्य को दांव पर नहीं लगा सकता हूं.

11. जब दो लाख फर्जी कंपनियों को बंद किया, तो भी कोई बवाल नहीं हुआ और मोदी का पुतला नहीं जलाया गया. सीएस वादा करें कि साल 2022 तक देश में एक भी शेल कंपनियां नहीं रहेंगी.

12. मोदी ने कहा कि वित्तीय मामलों को लेकर हमारी आलोचना हुई है. हम कड़ी से कड़ी आलोचना भी दिल से स्वीकार करते हैं. हम संवेदनशील सरकार हैं. आलोचकों की हर बात गलत नहीं होती है, लेकिन देश में निराशा का माहौल पैदा करने से बचना चाहिए. दुनिया में भारत के प्रति विश्वास बनाएं.

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