
दलित और ओबीसी मुद्दे के सहारे 2019 लोकसभा चुनाव की राजनीतिक समीकरण सेट किए जा रहे हैं. विपक्ष मोदी सरकार को जहां दलित और ओबीसी मुद्दे के जरिए घेर रही है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ तौर पर कांग्रेस को ओबीसी और दलित विरोधी करार दिया है.
पीएम मोदी ने हिंदी अखबार दैनिक जागरण को दिए साक्षात्कार में कहा कि जब कभी चुनाव आता है तो इन दलों को दलित और पिछड़े याद आते हैं. भ्रम फैलाया जाता है, लेकिन जनता जानती है कि बीजेपी सरकार उनके हितों के लिए कृतसंकल्प है.
ओबीसी के मुद्दे पर संसद में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के द्वारा दिए भाषण का उदाहरण देते हुए मोदी ने कहा कि राजीव गांधी भरी संसद में मंडल कमीशन के खिलाफ बोले थे. राजीव गांधी की वह सब बातें रिकॉर्ड में हैं. ओबीसी समुदाय को न्यान न मिले, उसके लिए उन्होंने संसद में बड़ी-बड़ी दलीलें दी थीं.
मोदी ने कहा कि 1997 में कांग्रेस और तीसरे मोर्च की सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण को बंद कर दिया था. वह तो अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी, जिसने दलित और आदिवासी समाज को न्याय दिलाया.
'आरक्षण कभी खत्म नहीं होगा'
पीएम मोदी ने कहा कि आरक्षण कभी भी खत्म नहीं होगा. हमारे संविधान और बाब साहेब के सपने अभी अधूरे हैं और आरक्षण उन्हें पूरा करने का महत्वपूर्ण अंग है आरक्षण हमेशा रहेगा और आरक्षण के द्वारा दलित समाज को सशक्त बनाने का काम चलता रहेगा.
उन्होंने कहा कि साढ़े चार साल में देश प्रगति के पथ पर आगे बढ़ा है. सरकार की सोच दिखी है और काम पूरा करने का संकल्प जमीन पर उतरा है. जबकि दूसरी ओर विपक्ष दलित अधिकार से जुड़े एससी/एसटी एक्ट ओबीसी आयोग समेत मुद्दे पर बेनकाब हुए हैं. इससे समझा जा सकता है कि दलित-ओबीसी विरोधी कौन है?