
संसद के दोनों ही सदनों में बुधवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने सामने थे. सारे बवाल के केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वह बयान था, जो उन्होंने गुजरात के चुनाव में दिया था. पीएम मोदी का पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह पर पाकिस्तान के साथ साजिश का आरोप केंद्र सरकार का शीतकालीन सत्र में भी पीछा नहीं छोड़ रहा है.
गौरतलब है कि बुधवार के दिन प्रधानमंत्री लोकसभा में रहते हैं. यही वजह है की कांग्रेस के नेता पूरी योजना के साथ सदन में पहुंचे थे. पीएम मोदी के सदन में प्रवेश करते ही, कांग्रेस खेमे में हरकत तेज़ हो गई. सदन की कारवाई शुरू हुई के कुछ सेकंड में ही कांग्रेस सांसद अपनी सीट से वेल की ओर आने लगे. मगर उनको अंदाज़ा नहीं था कि लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन उनसे भी ज़्यादा अलर्ट मोड पर थीं. उन्होंने सदन की कार्रवाई 1 घंटे के लिए स्थगित कर दी और इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी के हाथ से पीएम को घेरने का मौका निकल गया.
इसी बीच राज्य सभा मे अलग तस्वीर थी. इस मामले को लेकर आहत पूर्व पीएम मनमोहन सिंह बैठे थे और कांग्रेस सांसद हल्ला कर रहे थे. 'पीएम माफी मांगो, पीएम सदन में आओ' के नारे लगा रहे सांसद जोश में थे. कुछ बैक बेंचर इधर-उधर देख रहे थे कि वेल में जाने का इशारा मिले तो आगे बढ़े.
ट्रेज़री बेंच में बैठे सदन के नेता अरुण जेटली और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सभापति महोदय को सुनने की कोशिश कर रहे थे. वेकैया नायडू के लिए यह रोल नया भले ही हो, पर हावभाव से वह न सिर्फ कंट्रोल में दिख रहे थे, बल्कि प्रदर्शनकारियों को हल्की डांट भी सुना रहे थे-'आप हाउस नहीं चलने देना चाहते, आप हद ना पार करें...' इस पर भी जब बात नहीं बनी तो सभापति ने हाउस 45 मिनट के लिए स्थगित किया.
पर वापस लौटने पर सभापति महोदय उस स्ट्रिक्ट प्रिंसिपल की तरह दिखे जो क्लास में अनुशासन देखना चाहता है. यही वजह है कि 12 बजे जब कार्यवाही शुरु हुई तो छूटते ही वेंकैया नायडू ने साफ कर दिया कि पीएम ने यह बयान सदन में नहीं दिया है, ऐसे में उनका यहां इस पर सफाई या माफी मांगने का सवाल नहीं उठता.
केंद्र सरकार ने भले ही बुधवार को मुसीबत के बादलों को दूर रखा है पर सरकार के मंत्री भी जानते हैं कि इस मामले में दोनों के बीच ठन गई है. एक तरफ कांग्रेस खेमे में इस बात को लेकर दो राय नहीं है कि वह इस मसले पर प्रधानमंत्री से ही सफाई चाहते हैं. दरअसल डॉ मनमोहन सिंह पीएम के बयान से काफी आहत हैं. अमूमन शांत स्वभाव के मनमोहन इस मसले पर पीएम के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं. कांग्रेस सूत्रों की मानें तो वो खुद भी इस बात पर अड़े हैं कि प्रधानमंत्री इस मसले पर सफाई दे.
सरकार की तरफ से जेटली ने नेता विपक्ष गुलाम नबी आज़ाद से मुलाकात कर मामले को सुलझाने की कोशिश की, पर पीएम के अलावा कांग्रेस और किसी से सफाई नहीं चाहती. ऐसे में सदन में ये नोक-झोंक अभी खत्म नहीं होनेवाली.