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नेताजी सुभाष चंद्र बोस के गायब होने और मौत से जुड़े दस्तावेजों को लेकर एक बार फिर देश की सियासत में उबाल आ सकता है. केंद्र सरकार की ओर से जारी दस्तावेजों में इस बात का दावा किया गया है कि कांग्रेस सरकार ने नेताजी से जुड़े कागजात नष्ट किए थे.
बीजेपी लगातार नेता जी से जुड़े दस्तावेजों का मुद्दा उठाती रही है और यह आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों में नया ट्विस्ट ला सकता है.
60 से 70 के दशक के बीच नष्ट की गईं फाइलें
पीएमओ की ओर से जारी किए गए दस्तावेजों में जस्टिस मुखर्जी कमीशन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी फाइलें और यहां तक कि उनकी अस्थियां लाल किला में एक मोमेरियल में रखे जाने से संबंधित कागजात संभवत: नष्ट कर दिए गए हैं क्योंकि वह ट्रेस नहीं हो रहे. दावा किया गया है कि इनमें से ज्यादातर फाइलें 60 और 70 के दशक में नष्ट की गई हैं.
कमीशन ने नेताजी से जुड़े कागजात नष्ट किए जाने के आदेश की फोटोकॉपी मांगी थी, साथ ही उन दस्तावेजों की लिस्ट भी मांगी थी जिन्हें नष्ट किया गया है.
कहां गए ये दस्तावेज?
पीएमओ ने कमीशन को जानकारी देते हुए बताया, 'फाइल नंबर 12(226)56-PM को 6 मार्च 1972 को नष्ट किया गया. फाइल नंबर 23(156)51-PM से कुछ दस्तावेजों को नष्ट किया गया और फाइल नंबर 2(381)60-66PM जिसमें नेता जी की अस्थियां टोक्यो से दिल्ली के लाल किला में एक मेमोरियल में रखने का प्रस्ताव था, वह अब रिकॉर्ड में नहीं है.' गायब दस्तावेजों के संबंध नें पीएमओ ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि वे दस्तावेज नष्ट कर दिए गए हैं या फिर कहीं गुम हुए हैं.
मंगलवार को नेताजी सुभाष चंद्र से जुड़ी 50 फाइलें डिस्क्लोज की गईं, जिनमें से 10 पीएमओ, 10 गृह मंत्रालय और 30 फाइलें विदेश मंत्रालय ने जारी की हैं. ये फाइलें साल 1956 से 2009 के बीच की हैं.