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पीएनबी महाघोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी के खिलाफ भारतीय जांच एजेंसियां फिर से सक्रिय हो गई हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई के क्षेत्रीय पासपोर्ट ऑफिस से कहा है कि नीरव मोदी के 5 अतिरिक्त पासपोर्ट को भी रद्द कर दिया जाए.
दूसरी ओर नीरव के मामा मेहुल चोकसी ने अपने खिलाफ जारी गैर जमानती वॉरंट को रद्द करने का अनुरोध किया है.
ईडी और सीबीआई ने इंडिया टुडे से इस खबर की पुष्टि की है कि नीरव मोदी के पास उसके नाम से कुल 6 पासपोर्ट हैं. इसी साल फरवरी में मुंबई के क्षेत्रीय पासपोर्ट ऑफिस ने नीरव मोदी के पासपोर्ट को रद्द कर दिया, जिसकी समयसीमा 2027 में खत्म होने वाली थी.
नाम एक पासपोर्ट नंबर अलग-अलग
लेकिन बाद में जांच के दौरान विदेश मंत्रालय और जांच एजेंसियों को यह जानकारी हाथ लगी कि नीरव के पास एक से अतिरिक्त 5 और पासपोर्ट है. ये सभी पासपोर्ट एक ही नाम से जारी किए गए, लेकिन सभी के पासपोर्ट नंबर अलग-अलग थे.
झूठ बोलकर बनवाए पासपोर्ट
जांचकर्ताओं ने पाया कि नीरव के पास कुल 6 भारतीय पासपोर्ट है, जिसे क्षेत्रीय पासपोर्ट ऑफिस, मुंबई की ओर से यह कहते हुए जारी किया गया था कि पुराने पासपोर्ट की समयसीमा खत्म हो रही है.
हालांकि, वर्तमान में सभी 5 पासपोर्ट को रद्द कर दिया गया है, लेकिन ईडी इस संबंध को कोई रिस्क नहीं लेना चाहती इसीलिए उसने क्षेत्रीय पासपोर्ट ऑफिस से इन सभी पासपोर्ट को रद्द करने का अनुरोध किया है.
साथ ही ईडी ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखते हुए मांग कि है पासपोर्ट एक्ट, 1967 के तहत एक से अधिकर पासपोर्ट रखने के आरोप में नीरव मोदी पर कार्रवाई की जाए.
जांच एजेंसियां क्षेत्रीय पासपोर्ट ऑफिस के अधिकारियों से इस संबंध में पूछताछ भी कर रही है कि क्या नीरव मोदी को पासपोर्ट जारी करने में किसी तरह की कोई अनियमितता तो नहीं बरती गई.
गैर जमानती वॉरंट रद्द करने की मांग
पीएनबी महाघोटाले में नीरव मोदी के साथ उसके मामा मेहुल चोकसी भी मुख्य आरोपी है. चोकसी को लेकर गैर जमानती वॉरंट जारी किया गया है, जिसे रद्द करने को लेकर उन्होंने अपने वकील संजय अबूत के जरिए मुंबई के सीबीआई स्पेशल कोर्ट में आवेदन किया है.
मेहुल का कहना है कि स्वास्थ्य कारणों से वह यात्रा नहीं कर सकते. साथ ही उन्हें कई लोगों की ओर से जान से मारने की धमकी मिली हुई है. यही कारण है कि वह अपनी वर्तमान लोकेशन का उल्लेख सार्वजनिक तौर पर नहीं कर सकते.
मेहुल पर पहली एफआईआर सीबीआई की ओर से इसी साल 31 जनवरी में दर्ज की गई थी. इसके साथ ही पीएनबी ने सीबीआई को पत्र लिखकर उस पर बैन लगाने और देश छोड़ने पर रोक लगाने को कहा. मेहुल की ओर से दावा किया गया कि उनका केस नीरव मोदी के केस से बिल्कुल अलग है.