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हृदय की गति रुकने से हुई थी जस्टिस लोया की मौत: पुलिस

जस्टिस लोया की मौत हृदय की गति रुकने से हुई थी. पोस्टमार्ट रिपोर्ट में इसका पता चला है. नागपुर के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर शिवाजी बोडखे ने यह दावा किया है. उन्होंने कहा कि जांच में पता चला है कि जस्टिस लोया की मौत नेचुरल थी.

फाइल फोटो फाइल फोटो
राम कृष्ण
  • नागपुर,
  • 16 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 6:51 PM IST

जस्टिस बृजगोपाल लोया की मौत हृदय की गति रुकने से हुई थी. पोस्टमार्ट रिपोर्ट में इसका पता चला है. नागपुर के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर शिवाजी बोडखे ने यह दावा किया है. उन्होंने कहा कि जांच में पता चला है कि जस्टिस लोया की मौत नेचुरल थी. उनकी पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक रिपोर्ट में भी पुष्टि हो चुकी है कि जस्टिस लोया की मौत हृदय की गति रुकने से हुई थी.

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उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम के बाद जस्टिस बृजगोपाल लोया की डेड बॉडी को उनके गांव भेजा गया था. इसमें कुछ भी संदिग्ध नहीं है. जस्टिस लोया के बेटे अनुज लोया की ओर से अपने पिता की मौत को लेकर किसी भी तरह की साजिश से इनकार करने के बाद नागपुर पुलिस का यह बयान सामने आया है.

बोडखे का कहना है कि मेडिकल रिपोर्ट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट दोनों में ही जस्टिस लोया की मौत की वजह हृदय गति रुकने से बताई गई है. जस्टिस लोया के शरीर में किसी तरह का कोई प्वॉइजन नहीं पाया गया था. नागपुर के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर बोडखे ने कहा कि एक दिसंबर 2014 को सुबह पुलिस स्टेशन में जस्टिस लोया की मौत की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. उनके रिश्तेदार ब्रिज मोहन हरिकृष्ण लोया ने मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

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मालूम हो कि विशेष CBI कोर्ट के न्यायाधीश लोया की संदिग्ध मौत को लेकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट में भी इस मसले को लेकर बगावत जारी है. सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जस्टिस लोया के मसले को पुरजोर तरीके से उठाया है. दरअसल, जस्टिस लोया की जब मौत हुई थी,  तब वह सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर केस की सुनवाई कर रहे थे.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को आदेश दिया कि वह विशेष सीबीआई न्यायाधीश बीएच लोया की मौत संबंधी सभी दस्तावेज उन याचिकाकर्ताओं को मुहैया कराए, जो उनकी मौत से जुड़ी परिस्थितियों की स्वतंत्र जांच की मांग कर रहे हैं. मालूम हो कि जस्टिस लोया की मौत का मामला उस समय सुर्खियों में आया, जब नबंवर में उनकी बहन के हवाले से एक मैगजीन ने दावा किया कि जस्टिस लोया की मौत संदिग्ध थी.

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