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कांग्रेसी नेताओं ने की पीएम मोदी के भाषण की आलोचना, बोले- कथनी-करनी में फर्क

मोदी के भाषण पर आगे बोलते हुए आनंद शर्मा ने कहा, "आस्था के नाम पर हिंसा नहीं करने की बात करते हैं, पीएम और गृहमंत्री एक्शन क्यों नहीं लेते. राज्य में उनकी सरकारें हैं, क्या किया."

कांग्रेसी नेता आनंद शर्मा कांग्रेसी नेता आनंद शर्मा
कुमार विक्रांत
  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 2:01 PM IST

लाल किले की प्राचीर से मोदी के चौथे भाषण पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं. इस मौके पर 'आज तक' ने भी कुछ राजनेताओं से बात की और उनकी राय जानने की कोशिश की.

राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा ने मोदी के भाषण पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री का भाषण निराशाजनक रहा. उन्होंने 2014 में जो वायदे किए थे वह पूरे नहीं हुए. नौजवानों को दो करोड़ रोजगार का वादा सिर्फ वादा रह गया. आज किसान परेशान हैं. किसान को नुकसान हो रहा है. उस पर प्रधानमंत्री कुछ नहीं बोले. चाहे पाकिस्तान की सीमा हो या चीन की, दोनों तरफ तनाव है, लेकिन पीएम ने कुछ नहीं कहा. 1 साल पहले सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी लेकिन उसके बाद से भी लगातार हमले हो रहे हैं. जीएसटी 7 सालों तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहते मोदी जी ने ही अटकाए रखा. हमने सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाई और जीएसटी पास कराया. प्रधानमंत्री देश के पुराने नेताओं को याद नहीं रखते चाहे वह नेहरू हों, इंदिरा हों या अन्य प्रधानमंत्री. वह सिर्फ खुद के प्रचार प्रसार में लगे रहते हैं."

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मोदी के भाषण पर आगे बोलते हुए आनंद शर्मा ने कहा, "आस्था के नाम पर हिंसा नहीं करने की बात करते हैं, पीएम और गृहमंत्री एक्शन क्यों नहीं लेते. राज्य में उनकी सरकारें हैं, क्या किया."

 

पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा, "हम तो हमेशा से कहते आये हैं कि, बातचीत जरूरी है. अब जाकर पीएम बोल रहे हैं. लेकिन तीन सालों से कर क्या रहे हैं. उनकी कथनी और करनी में फर्क है, जो साफ दिखता है. अटल जी की नीति की आज बात कर रहे हैं. तीन साल पहले से अगर मानते और उस पर चलते तो आज हालात बेहतर होते. आज के हालात पर बात नहीं करते, 2022 की बात कर रहे हैं, न्यू इंडिया की बात कर रहे हैं."

 

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