
पीओके में आतंकियों पर सेना के हमले ने अब सियासी रंग ले लिया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी सरकार से सर्जिकल हमले के सबूत मांगकर पूरे मामले को नया मोड़ दे दिया. सोशल मीडिया पर केजरीवाल के समर्थन और विरोध में जमकर बहस छिड़ गई और सरकार के मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बीजेपी के मंच से केजरिवाल पर निशाना साधा.
रवि शंकर ने कहा कि सबूत की बात कहकर केजरीवाल ने सेना के मनोबल को ठेस पहुंचाई है और इसके लिए पाकिस्तान में उन्हें सुर्खियां मिली है. केजरीवाल को इस मुद्दे पर राजनीति ना करके एक सुर में बात करनी चाहिए थी.
बीजेपी के जवाब पर आम आदमी पार्टी ने ये कहकर पलटवार किया कि सरकार और पार्टी सर्जिकल स्ट्राइक का इस्तेमाल वोट के लिए कर रही है पोस्टर छपवाकर पब्लिसिटी कर रही है और रक्षा मंत्री देश भर में जाकर वाहवाही लूट रहे हैं जो सवाल खड़े करता है.
सरकार ने मंत्रियों को दी चुप रहने की सलाह
सेना के pok में किये गए ऑपरेशन के बाद केंद्र में शामिल कई मंत्रियों ने बढ़चढ़कर पाकिस्तान के खिलाफ और मोदी के पक्ष में बयानबाज़ी की थी. लेकिन जैसे ही मुद्दे पर राजनीती गर्माने लगी इन मंत्रियों को चुप रहने की हिदायत दे दी गई. अब सिर्फ वही मंत्री सामने आकर सरकार या पार्टी का पक्ष रखता है जिसकी ड्यूटी आधिकारिक तौर पर लगाईं जा रही है. केजरीवाल और कांग्रेस के आरोपो का जवाब देने के लिए मंगलवार को रवि शंकर प्रसाद को अधिकृत किया गया और उनके अलावा किसी और मंत्री ने मुह नहीं खोला. ज़ाहिर है बड़बोले मंत्रियो की लगाम फिलहाल संवेदनशील मामले पर कस दी गई है.