
चीन के बढ़ते खतरे को देखते हुए मोदी सरकार ने लेह-लद्दाख तक रेलवे लाइन बिछाने की योजना को अमली जामा पहनाने के लिए कदम बढ़ा दिए हैं. इसके लिए बिलासपुर-मंडी-मनाली-लेह रेलवे मार्ग के फाइनल लोकेशन सर्वे का शिलान्यास रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने लेह में किया. फाइनल लोकेशन सर्वे का जिम्मा रेलवे कंपनी राइट्स को सौंप दिया गया है.
सर्वे के लिए 157 करोड़ रुपये की धनराशि रखी गई है और इसमें से 40 करोड़ रुपये की धनराशि पहले ही जारी कर दी गई है. उधर दूसरी तरफ लेह को श्रीनगर से जोड़ने की योजना पर भी काम किया जा रहा है. इसके लिए जोजिला-कारगिल होते हुए लेह तक रेलवे लाइन बिछाए जाने की योजना है. इसके लिए प्राइमरी सर्वे किया जा रहा है.
लद्दाख को रेलवे लाइन से जोड़ने के काम में तेजी एक बार फिर से दिखाई देनी शुरू हो गई है. लद्दाख ऑटोनामस हिल डेवलपमेंट काउंसिल यानी एलएएचडीसी से रेलवे को जमीन का आवंटन करने का काम शुरू हो चुका है. रेलमंत्री के साथ रेलवे बोर्ड के तमाम आला अफसरों ने एलएएचडीसी के साथ बैठक की. बैठक में रेल लाइन का काम जल्द शुरू करने की बात कही गई और स्थानीय नेताओं ने इसमें खासी दिलचस्पी दिखाई. इस मौके पर रेलमंत्री ने कहा कि रेल लाइन बिछने से इस इलाके की कनेक्टिविटी पूरे देश से 12 महीने बरकरार रहेगी और इससे इस इलाके का विकास तेजी से हो सकेगा.
लेह-मनाली-बिलासपुर के बीच रेलवे लाइन बिछाने के लिए अपने फाइनल लोकेशन सर्वे में तमाम पहलुओं पर विचार करते हुए रेल लाइन के लिए राइट्स फाइनल लोकेशन तय करेगी. रेलवे लाइन हिमालय के सबसे ऊंचे इलाकों से होकर गुजर रही है, लिहाजा किस जगह पर रेलवे स्टेशन बनाए जाएं और कहां-कहां पर टनल बनाई जाएंगी, इसको तय करना बहुत महत्वपूर्ण काम है. राइट्स के सर्वे में रेलवे लाइन के लिए देश के बड़े-बड़े भूगर्भशास्त्री और इंजाीनियर शामिल होंग. यह सर्वे मार्च 2019 तक पूरा कर लिया जाएगा.
दुनिया के सबसे ऊंचे इलाकों से गुजरेगी लाइन
बिलासपुर से मनाली और फिर लेह तक की पूरी दूरी तकरीबन 500 किलोमीटर है. हिमालय की ऊंची-ऊंची चोटियों को पार करती हुई ये रेलवे लाइन दुनिया के सबसे ऊंचे इलाकों से होकर गुजरेगी. इस परियोजना पर तकरीबन 50,000 करोड़
रुपये का खर्च आने का अनुमान है. बिलासपुर मंडी-मनाली-लेह रेलवे लाइन की फीजिबिलिटी रिपोर्ट पहले ही तैयार हो चुकी है. इस रेलमार्ग का सर्वे किया जा चुका है.
सर्वे नीति आयोग के पास भेजा जा चुका है. अब फाइनल लोकेशन सर्वे का काम शुरू किया जाना है. ऐसा माना जा रहा है कि बिलासपुर मंडी-मनाली-लेह रेलवे लाइन मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है. सामरिक महत्व के चलते हर मौसम में लेह-लद्दाख को कनेक्टिविटी देने के इरादे से रक्षा मंत्रालय भी इस प्रोजेक्ट के जल्द से जल्द शुरू किए जाने के पक्ष में है. जानकारों का कहना है कि अभी इस योजना की लगात कितनी लगेगी, इसपर सही-सही बोल पाना फाइनल लोकेशन सर्वे के बाद ही संभव हो पाएगा, लेकिन एक मोटे अनुमान के मुताबिक लेह-मनाली-बिलासपुर रेल लाइन बनने में तकरीबन 50,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी.
लेह को श्रीनगर से भी जोड़ने पर काम
केंद्र सरकार लेह को मनाली से जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना के साथ-साथ लेह को श्रीनगर से भी रेलमार्ग के जरिए जोड़ने की योजना पर काम कर रही है. श्रीनगर से जोजिला पास होते हुए करगिल और लामायुरू से लेह तक रेलवे लाइन बिछाने
के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे पर जल्द ही काम शुरू किए जाने की संभावना है. इसके लिए रेलवे के लिए तीन साल की डेडलाइन तय कर दी गई है. उसके बाद लेह तक रेलवे लाइन बिछाने के काम को तेजी से शुरू कर दिया जाएगा.