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संसद में मोबाइल रेडिएशन से बचने के लिए अनोखा हैंडसेट लेकर पहुंचे प्रकाश जावड़ेकर

जानकारी के मुताबिक जिस तरीके से कान पर लगातार मोबाइल लगाने से रेडिएशन का खतरा ज्यादा बढ़ रहा है उससे बचने के लिए केंद्रीय मंत्री इस तरीके के हैंडसेट का इस्तेमाल कर रहे हैं.

अनोखे हैंडसेट के साथ पहुंचे प्रकाश जावड़ेकर अनोखे हैंडसेट के साथ पहुंचे प्रकाश जावड़ेकर
सुप्रिया भारद्वाज/जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 22 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:19 PM IST

लगातार मोबाइल पर बात करने से रेडिएशन का खतरा बना रहता है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इससे बचने का नायाब तरीका अपनाया है. शुक्रवार को संसद में प्रकाश जावड़ेकर अपने मोबाइल के साथ हैंडसेट लेकर पहुंचे. उन्होंने हैंडसेट को अपने मोबाइल के साथ कनेक्ट कर रखा था. लेकिन जब उनसे पूछा गया कि आखिर आपने ऐसा क्यों किया है तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.

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जानकारी के मुताबिक जिस तरीके से कान पर लगातार मोबाइल लगाने से रेडिएशन का खतरा ज्यादा बढ़ रहा है उससे बचने के लिए केंद्रीय मंत्री इस तरीके के हैंडसेट का इस्तेमाल कर रहे हैं.

शुक्रवार को पार्लियामेंट में जब प्रकाश जावड़ेकर मोबाइल से जुड़े हैंडसेट को लेकर पहुंचे तो लोगों में काफी इस बात को लेकर उत्साह था और लोग उनके इस नए तरीके को देखने में जुटे हुए थे.

आपको बता दें कि देश भर में मोबाइल रेडिएशन को लेकर फैली गलतफहमियों को दूर करने के इरादे से दूरसंचार विभाग ने तरंग संचार के नाम से एक वेब पोर्टल https://tarangsanchar.gov.in/emfportal शुरू किया है. इस मुद्दे पर कुछ समय पहले केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा था कि मोबाइल टॉवरों को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां फैलाने का काम कुछ NGO कर रही हैं, लेकिन उनके इन दावों में कोई भी वैज्ञानिक सच्चाई नहीं है.

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सरकार के मुताबिक, डिजिटल इंडिया का सपना साकार करने के लिए टेलीकॉम सेक्टर में जोरदार बढ़ोतरी जरूरी है. ऐसे में मोबाइल रेडिएशन को लेकर गलत जानकारी को रोकने के लिए सरकार ने तरंग पोर्टल की पहल की है.

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