
पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के लिए सरकारी फंड पर विवाद के बीच रविवार को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कोलकाता में एक दुर्गा पूजा पंडाल का उद्घाटन किया. यह पंडाल नवपारा दादा भाई क्लब द्वारा बनाया गया है, जिसमें विशेष कपड़े और लकड़ी से बनी गुड़िया का इस्तेमाल किया गया है.
पंडाल का उद्घाटन करने के मौके पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सरकार द्वारा पंडाल के लिए दी गई आर्थिक मदद के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तारीफ की. उन्होंने कहा कि मैं पूजा पंडाल आयोजकों की मदद के लिए ममता बनर्जी के फैसलों का मैं स्वागत करता हूं और उसकी प्रशंसा करता हूं. बता दें कि ममता सरकार ने पूजा पंडाल आयोजनों के लिए 28 करोड़ रुपये का आवंटन किया है.
बंगाल में कुल 28 हजार दुर्गा पूजा समिति हैं. तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी सरकार ने हर समिति को 10 हजार रुपये फंड देने का फैसला किया है. जिससे सरकारी खजाने पर 28 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा. हालांकि, ममता सरकार के इस फैसले का विरोध भी किया गया है और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा.
कोर्ट ने रोक से किया इनकार
बीते शुक्रवार (12 अक्टूबर) ममता सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूजा समितियों को 10-10 हजार रुपये देने के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. हालांकि कोर्ट ने ममता सरकार को नोटिस जारी कर 6 हफ्तों में जवाब मांगा है. ममता बनर्जी ने 10 सितंबर को पूरे प्रदेश की 28 हजार पूजा समितियों 10-10 हजार रुपये देने की घोषणा की थी. इनमें से 3 हजार समितियां कोलकाता शहर में हैं और 25 हजार समितियां दूसरे जिलों में हैं.