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स्वतंत्रता दिवस: राष्ट्रपति कोविंद बोले- विवादों को छोड़, हो रहे विकास को देखें

आजादी की 72वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संदेश में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के लिए किसानों और जवानों के योगदान की सराहना की.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
विवेक पाठक
  • ,
  • 14 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 9:44 PM IST

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संदेश में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देशवासियों से अपील की कि वे विवादों में पड़ना छोड़कर विकास के मुहाने पर खड़े देश को देखें और इसमें भागीदार बनें. साथ ही उन्होंने कहा कि देश के किसान और सैनिक हमारे लिए विशेष योगदान देते हैं. जहां किसान करोड़ों देशवासियों के लिए अन्न पैदा कर उनका पोषण करता है. वहीं सैनिक कठिन परिस्थितियों में देश की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं.

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि देश एक निर्णायक दौर से गुजर रहा है, ऐसे में ध्यान भटकाने वाले मुद्दों में उलझने और निरर्थक विवादों में पड़ने की बजाए सभी को एकजुट होकर ग़रीबी, अशिक्षा और असमानता को दूर करने का प्रयास किया जाना चाहिए.

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि हमारे किसान, करोड़ों देशवासियों के लिए अन्‍न पैदा करते हैं, जिनसे वे कभी आमने-सामने मिले भी नहीं होते. वे, देश के लिए खाद्य सुरक्षा और पौष्टिक आहार उपलब्ध करा कर, हमारी आज़ादी को शक्ति प्रदान करते हैं. उन्होने कहा कि स्वाधीनता सेनानियों के सपनों का भारत बनाने के लिए किसानों के खेतों की पैदावार और उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए आधुनिक टेक्नॉलॉजी और अन्य सुविधाएं उपलब्‍ध कराए जा रहे हैं.

सैनिकों के योगदान को सराहते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे सैनिक, सरहदों पर, बर्फीले पहाड़ों पर, चिलचिलाती धूप में, सागर और आसमान में, पूरी बहादुरी और चौकसी के साथ, देश की सुरक्षा में समर्पित रहते हैं. वे बाहरी खतरों से सुरक्षा करके हमारी स्वाधीनता सुनिश्‍चित करते हैं. जब हम उनके लिए बेहतर हथियार उपलब्ध कराते हैं, उन्होने कहा कि स्वाधीनता सेनानियों के सपनों का भारत बनाने के लिए देश में ही रक्षा उपकरणों के लिए सप्लाई-चेन विकसित किए जा रहै हैं, और सैनिकों को कल्‍याणकारी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं.

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राष्ट्रपति कोविंद ने आगे कहा कि पुलिस और अर्धसैनिक बल अनेक प्रकार की चुनौतियों का सामना करते हैं. वे आतंकवाद का मुक़ाबला करते हैं, तथा अपराधों की रोकथाम और कानून-व्यवस्था की रक्षा करते हैं. साथ ही साथ, प्राकृतिक आपदाओं के समय, वे हम सबको सहारा देते हैं. उन्होने कहा कि स्वाधीनता सेनानियों के सपनों का भारत बनाने के लिए उनके काम-काज और व्‍यक्‍तिगत जीवन में सुधार लाने का काम किया जा रहा है.

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