Advertisement

नगालैंड के राज्यपाल पद्मनाभ बालकृष्ण आचार्य को मणिपुर का अतिरिक्त कार्यभार

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने नगालैंड के राज्यपाल पद्मनाभ बालकृष्ण आचार्य को मणिपुर का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है. दरअसल, मणिपुर की राज्यपाल डॉ. नजमा हेपतुल्ला की गैर-मौजूदगी में पद्मनाभ बालकृष्ण को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है.

फाइल फोटो- राज्यपाल पीबी आचार्य फाइल फोटो- राज्यपाल पीबी आचार्य
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 जून 2019,
  • अपडेटेड 10:29 PM IST

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने नगालैंड के राज्यपाल पद्मनाभ बालकृष्ण आचार्य को मणिपुर का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है. दरअसल, मणिपुर की राज्यपाल डॉ. नजमा हेपतुल्ला की गैर-मौजूदगी में पद्मनाभ बालकृष्ण को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है.

पीबी आचार्य को मणिपुर का अतिरिक्त प्रभार इसलिए दिया गया है क्योंकि अभी मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला अनुपस्थित हैं.

राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी किए आदेश में कहा गया है कि मणिपुर की वर्तमान राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला छुट्टी पर हैं. उनकी अनुपस्थिति में नगालैंड के राज्यपाल पीबी आचार्य को मणिपुर का अतिरिक्त चार्ज दिया जाता है. वे अपने कर्तव्यों के साथ-साथ मणिपुर राज्य के भी गवर्नर का पद नजमा अनुपस्थिति में संभालेंगे.

Advertisement

गौरतलब है कि नजमा हेपतुल्ला नरेंद्र मोदी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री रह चुकी हैं.

बता दें इससे पहले पीबी आचार्य तब चर्चा में आए थे जब असम के राज्यपाल होने के दौरान उन्होंने हिंदू शरणार्थियों पर बयान दिया था. गवर्नर आचार्य ने 2015 में एक समारोह के दौरान कहा था कि हिंदुस्तान हिंदुओं के लिए है. इसमें कुछ भी गलत नहीं है. किसी भी देश का हिंदू यहां रह सकता है. वो बाहरी नहीं हैं.'

उन्होंने कहा था इसमें डरने जैसा कुछ नहीं है. लेकिन उनके रहने की व्यवस्था कैसे की जाए ये बड़ा सवाल है और हमें इस बारे में सोचना चाहिए.

आचार्य ने यह भी कहा था कि बांग्लादेश में सताया गया कोई भी हिंदू भारत आने का अधिकार रखता है, सिर्फ हिंदू ही क्यों सभी को ये अधिकार है. कहीं भी सताए गए हिंदू भारत में शरण लेने के अधिकारी हैं. उनके इस बयान के बाद विपक्ष ने भारतीय जनता पार्टी को हिंदुत्व के मुद्दे पर घेरा था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement