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सीमा पर चीन की चालबाजियों के बीच लेह पहुंचे राष्ट्रपति, सेना प्रमुख पहले से मौजूद

राष्ट्र्पति रामनाथ कोविंद सोमवार को लेह के एक दिन के दौरे पर रहेंगे. सेना और स्थानीय प्रशासन ने राष्ट्रपति की यात्रा को लेकर काफी तैयारियां की हैं. राष्ट्रपति सुबह वायुसेना के विमान से लेह में एयरफोर्स स्टेशन पर लैंड करेंगे, उसके बाद सेना की लद्दाख स्कॉट में जाएंगे.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
मंजीत नेगी
  • नई दिल्ली,
  • 21 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 8:15 PM IST

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सोमवार को एक दिन के दौरे पर लद्दाख पहुंचे. सेना के कार्यक्रम में लेह पहुंचे राष्ट्रपति का भव्य स्वागत हुआ. सीमा पर चीन की चालबाजी के बीच कोविंद का दौरा अहम माना जा रहा है. राष्ट्रपति के साथ ही लद्दाख में एक दिन पहले से ही सेना प्रमुख भी डटे हुए हैं. राष्ट्रपति और देश के सर्वोच्च सेनापति का चीन बॉर्डर पर होना चीन को साफ संकेत है, कि कायदे में रहोगे तो फायदे में रहोगे.

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सेना और स्थानीय प्रशासन ने राष्ट्रपति की यात्रा को लेकर काफी तैयारियां की हैं. राष्ट्रपति ने सोमवार सुबह वायुसेना के विमान से लेह में एयरफोर्स स्टेशन पर लैंड किया, उसके बाद सेना की लद्दाख स्कॉट में जाएंगे.

इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लद्दाख स्काउट्स को प्रेसीडेंट्स कलर्स अवॉर्ड प्रदान किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उनका जम्मू एवं कश्मीर का दौरा सशस्त्र बलों को समर्पित है. इस दौरान सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भी मौजूद रहे.

 

उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद यह दिल्ली के बाहर मेरी पहली यात्रा है. मैंने अपने पहले दौरे के लिए जम्मू एवं कश्मीर के खूबसूरत लेह को चुना और मैं हमारे सैनिकों के बीच में बहुत खुश हूं.' कोविंद ने स्काउट्स से हिंदी में कहा कि सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर होने के नाते यह दौरा जवानों को समर्पित है. लद्दाख के स्काउट्स की प्रशंसा करते हुए राष्ट्रपति ने उनके 1947-48 के संघर्ष, चीन से 1962 के युद्ध, पाकिस्तान से 1971 के युद्ध व 1999 के कारगिल संघर्ष में उनकी बहादुरी को याद किया. उन्होंने कहा, 'सबसे कठिन जलवायु परिस्थितियों में से एक में तैनात आपकी बहादुरी आपकी संख्या से बड़ी है.'

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उन्होंने कहा कि हमने सभी परिस्थितियों में अपने राष्ट्र की संप्रभुता की सुरक्षा का प्रण लिया है. मुझे विश्वास है कि हम इसे पूरा करेंगे और अपने देश के सम्मान व गर्व को बनाए रखेंगे. प्रेसीडेंट कलर्स युद्ध व शांति काल दोनों के दौरान असाधारण सेवा देने के सेना की एक ईकाई को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है.

सेना से मुस्तैद रहने को कहा  

लेह पहुंचकर सेना प्रमुख ने ताजा हालात की जानकारी ली. उन्होंने लेह में मौजूद सेना की 14वीं कोर के टॉप कमांडर्स के साथ सरहद पर चीन के साथ तनातनी और और राणनीति पर चर्चा की. इसके साथ ही आर्मी चीफ ने तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर यानी राष्ट्रपति की यात्रा की तैयारियों का भी जायजा लिया. आजतक को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक जनरल बिपिन रावत ने सेना के लोकल कमांडरों से चीन सरहद पर मुस्तैदी बढ़ाने के लिए कहा साथ ही उनका हौसला भी बढ़ाया. इसके साथ ही सेना प्रमुख आईटीबीपी के अधिकारियों और दूसरे अहम अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे. 

 

 

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