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CID एडीजीपी ने कहा, लंकेश मर्डर केस से सॉल्व होंगे यह तीन केस भी

इंडिया टुडे से सीआईडी टीम ने कहा कि वह काफी आश्वस्त हैं कि जिस पिस्टल से कलबुर्गी, पानसरे और दाभोलकर की हत्या की गई है, उसी से गौरी लंकेश की हत्या भी हुई है.

गौरी लंकेश गौरी लंकेश
अंकुर कुमार/रोहिणी स्‍वामी
  • बेंगलुरु,
  • 15 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 6:39 PM IST

कर्नाटक की जर्नलिस्ट गौरी लंकेश का मर्डर केस कलबुर्गी, पानसरे और दाभोलकर की हत्या जैसा ही है. यह बात अब कलबुर्गी मर्डर केस की जांच कर रही सीआईडी की टीम भी कह रही है. सीआईडी टीम एसआईटी की टीम को भी मदद कर रही है, जो लंकेश की हत्या की जांच कर रही है.

इंडिया टुडे से सीआईडी टीम ने कहा कि वह काफी आश्वस्त हैं कि जिस पिस्टल से कलबुर्गी , पानसरे और दाभोलकर की हत्या की गई है, उसी से गौरी लंकेश की हत्या भी हुई है. सीआईडी ने कहा कि हमने एसआईटी टीम के साथ जानकारी शेयर कर दी है, अब यह एसआईटी पर निर्भर करेगा कि वह किस तरह इस लिंक को मजबूत करते हैं.

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इंडिया टुडे को दिए गए एक्सक्लुसिव इंटरव्यू में सीआईडी के एडीजीपी प्रताप रेड्डी ने कहा कि हम एसआईटी से सारी जानकारी शेयर कर रहे हैं और कोई भी लीड मिलने पर आगे बढ़ा जाएगा. दूसरे केसों में भी महत्वपूर्ण सबूत पता किए गए हैं और उन्हें दूसरी एजेंसियों से शेयर किया गया है. हालांकि हमारे अहम सबूत पर और जांच करने की जरूरत है.

सबसे खास बात यह है कि कर्नाटक सीआईडी की टीम कलबुर्गी, पानसरे और दाभोलकर मर्डर के केस में वैज्ञानिक लिंक ढुंढने में सफल रही और अब वह इस बात पर आश्वस्त हैं कि इन सबूतों का गौरी लंकेश की मर्डर से भी वास्ता है.

रेड्डी ने कहा कि हमने कलबुर्गी, पानसरे और दाभोलकर मर्डर में लिंक पता किया, हालांकि गौरी लंकेश केस के बारे में ज्यादा जानकारी एसआईटी ही दे सकती है. सीआईडी यह उम्मीद भी जता रही है कि गौरी लंकेश केस से कलबुर्गी केस को नतीजे तक पहुंचाने में मदद‍ मिलेगी.

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रेड्डी ने कहा कि शुरुआती जांच में सभी केस एक जैसे लग रहे हैं. सभी में बाइकर्स द्वारा गोली मारी गई है. हालांकि अभी हत्या के पीछे मकसद जाने बिना कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. रेड्डी कहा कि अगर एसआईटी दोनों केसों में महत्वपूर्ण लिंक साबित करने में सफल होती है तो सीआईडी को भी इससे काफी मदद मिलेगी.

सनातन संस्था रेडार पर

वहीं पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी ने सनातन संस्था के लोगों से भी पूछताछ की है. इस संस्था का नाम गोविंद पनसारे, कलबुर्गी और दाभोलकर की हत्या में भी सामने आया था. दरअसल, एसआईटी को शक है कि जिन लोगों ने कन्नड़ साहित्यकार एम.एम. कलबुर्गी की हत्या की थी, उन्हीं लोगों ने ही गौरी लंकेश की हत्या की है.

एक अखबार की खबर के मुताबिक लंकेश, कलबुर्गी, पानसरे और दाभोलकर की हत्या 7.65 mm पिस्टल से की गई. बीते दिनों कर्नाटक के गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने भी कहा था कि गौरी लंकेश मर्डर केस की जांच कर रही एसआईटी को कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं. हत्यारे जल्द पुलिस गिरफ्त में होंगे.

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