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सौ मर्जों की एक दवा है 'उमंग' ऐप, प्रधानमंत्री ने किया लॉन्च

सरकार आपकी परेशानी दूर करने जा रही है. सौ मर्ज की एक दवा- नाम है इसका उमंग. गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के ग्लोबल कॉन्फ्रेंस ऑन साइबर स्पेस मे औपचारिक तौर पर इस ऐप को लॉन्च किया.

ऐप लॉन्च करते पीएम मोदी, फोटो: नरेंद्र मोदी डॉट इन से साभार ऐप लॉन्च करते पीएम मोदी, फोटो: नरेंद्र मोदी डॉट इन से साभार
दिनेश अग्रहरि/बालकृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 23 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:33 AM IST

आजकल मोबाइल फोन इस्तेमाल करने वाला हर इंसान इस बात से परेशान है कि आखिर वो अपने फोन के भीतर कितने ऐप डाउनलोड करे. हर सर्विस देने वाला चाहता है कि यूजर बस उसका ऐप डाउनलोड कर ले. लेकिन धीरे-धीरे करके फोन की मेमोरी भरने लगती है, फोन धीमा होता जाता है, बैट्री और डाटा बिना बात फुंकता रहता है सो अलग. अब सरकार आपका ये सिरदर्द दूर करने जा रही है. सौ मर्ज की एक दवा- नाम है इसका उमंग. गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के ग्लोबल कॉन्फ्रेंस ऑन साइबर स्पेस मे औपचारिक तौर पर इस ऐप को लॉन्च किया.

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यह ऐप गूगल प्ले स्टोर और आइफोन स्टोर में पहले से ही मौजूद है और इसे लाखों लोग डाउनलोड भी कर चुके हैं. आईटी के मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उमंग (UMANG) डिजिटल इंडिया बनाने की दिशा में और सरकार की सारी सुविधाओं को एक जगह लाने की एक बड़ी पहल है, जिससे लोग सरकार से सीधे जुड़ सकेंगे और उन्हें जानकारी और सुविधा के लिए यहां-वहां भटकना नहीं पड़ेगा. ये ऐप फिलहाल 13 भाषाओँ में उपलब्ध है और इसे अपने आधार नंबर से जोड़कर आप तमाम और सुविधाओं का लाभ भी उठा सकते हैं.

UMANG का मतलब है  Unified Mobile Application for New-age Governance. इस ऐप को डाउनलोड करके इस पर अपना प्रोफाइल बनाने के बाद आप इस पर सीबीएसई के रिजल्ट, बिल पेमेंट, ईपीएफ बैलेंस की जानकारी से लेकर फसल बीमा भी करा सकते हैं. यहां तक कि सरकारी अस्पतालों में इससे अप्वाइंटमेंट भी लिया जा सकता है. दरअसल ये ऐप केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारों की तमाम ऐप और वेबसाइट को एक जगह ले आता है. फिलहाल इस ऐप पर केन्द्र और राज्य सरकारों की 163 सर्विसेज उपलब्ध हैं और तमाम और सुविधाओं को इससे जोड़ा जा रहा है.

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कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि टेक्नोलॉजी दुनिया को तेजी से बदल रही है और पूरी दुनिया को एक परिवार मानने की भारत की सोच वसुधैव कुटुंबकम को सही सबित कर रही है. लेकिन साथ ही दुनिया भर की सरकारों पर अब ये जिम्मेदारी भी आ गई है कि वो डिजिटल दुनिया को आतंकवाद और कट्टरपंथी सोच का मैदान नहीं बनने दें. उन्होंने कहा कि आज इस बात की सख्त जरूरत है की दुनिया की तमाम सुरक्षा एजेंसिंयां आपस में तालमेल रखें और जानकारी का आदान प्रदान करें, क्योंकि इंटरनेट से जुड़ी दुनिया में खतरे भी पल-पल बदल रहे हैं.

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