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हत्या की साजिश पर बोले PM- मैं कोई शहंशाह या शासक नहीं, प्यार को नहीं कर सकता नजरअंदाज

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वह सड़कों पर काफी संख्या में लोगों को उनका अभिनंदन और स्वागत करने के लिये खड़े देखते हैं तब वह अपनी कार में बैठे नहीं रह सकते. पीएम मोदी को आमतौर पर रोड शो के दौरान गाड़ी से बाहर लटककर और सुरक्षा घेरा तोड़कर लोगों से मिलते देखा गया है.

पीएम मोदी, फाइल फोटो (getty images) पीएम मोदी, फाइल फोटो (getty images)
अनुग्रह मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 03 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 5:42 PM IST

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश के बाद पीएम की सुरक्षा में इजाफा किया गया है. इस बीच एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने पहली बार अपनी सुरक्षा के सवाल पर चुप्पी तोड़ी है.

पीएम मोदी ने कहा कि वह कोई शहंशाह या दंभी शासक नहीं हैं जो लोगों की गर्मजोशी से अप्रभावित रहें, उन्हें लोगों के साथ संवाद करने से ताकत मिलती है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वह सड़कों पर काफी संख्या में लोगों को उनका अभिनंदन और स्वागत करने के लिये खड़े देखते हैं तब वह अपनी कार में बैठे नहीं रह सकते. पीएम मोदी को आमतौर पर रोड शो के दौरान गाड़ी से बाहर लटककर और सुरक्षा घेरा तोड़कर लोगों से मिलते देखा गया है.

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कार में नहीं बैठा रह सकता...

पीएम मोदी ने कहा, ‘जब भी मैं यात्रा कर रहा होता हूं, मैं समाज के सभी आयु वर्ग और क्षेत्र के लोगों को सड़कों पर मेरा अभिनंदन और स्वागत करते देखता हूं. तब मैं अपनी कार में बैठा नहीं रह सकता, उनके स्नेह को नजरंदाज नहीं कर सकता और इसलिये मैं बाहर आ जाता हूं और लोगों से जितनी बात कर सकता हूं, करता हूं.’

बता दें कि गृह मंत्रालय ने हाल में प्रधानमंत्री की सुरक्षा के संबंध में नये दिशानिर्देश तैयार किये थे. मंत्रालय की रिपोर्ट में बताया गया था कि आगामी 2019 के आम चुनाव से पहले पीएम मोदी सबसे ज्यादा निशाने पर रहने वाले शख्स हैं. मंत्रालय ने अपने पत्र में ‘मोदी को अज्ञात खतरे’ का हवाला देते हुए कहा है कि किसी को भी यहां तक कि मंत्रियों और अधिकारियों को भी उनकी विशेष सुरक्षा घेरे की इजाजत के बगैर उनके करीब पहुंचने की इजाजत नहीं होगी.

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यही वजह है कि एसपीजी ने सत्ताधारी बीजेपी के मुख्य प्रचारकर्ता पीएम मोदी को 2019 के आम चुनाव के सिलसिले में रोडशो कम करने और उसके बजाय जनसभाएं करने की सलाह दी है. वजह है कि रोडशो के दौरान खतरे का डर अधिक होता है और जनसभाओं के दौरान भीड़ का प्रबंधन करना आसान होता है.

मोदी की हत्या की साजिश

प्रधानमंत्री की करीबी सुरक्षा टीम को नये नियमों और खतरा आकलन से अवगत करा दिया गया है और उन्हें जरूरत के हिसाब से मंत्री-अधिकारियों की भी जांच करने का निर्देश दिया गया है. पुणे पुलिस की ओर से 7 जून को अदालत में यह कहे जाने के बाद कि प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) से कथित संबंध को लेकर गिरफ्तार किये गये 5 लोगों में एक के दिल्ली निवास से उसे एक पत्र मिला है और उस पत्र में राजीव गांधी की तरह ही नरेंद्र मोदी की हत्या करने की कथित योजना का जिक्र है, प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था की हाल में बड़ी बारीक समीक्षा की गयी है.

राज्यों को किया अलर्ट

गृहमंत्री ने निर्देश दिया था कि प्रधानमंत्री के सुरक्षा इंतजाम में उपयुक्त मजबूती लाने के लिए अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर सभी जरूरी कदम उठाए जाएं. अधिकारी ने कहा कि छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल जैसे माओवाद प्रभावित राज्यों को गृह मंत्रालय ने संवेदनशील घोषित किया है और इन राज्यों के पुलिस प्रमुखों को उनके राज्यों में प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान अतिरिक्त चौकसी बरतने को कहा गया है.

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