Advertisement

J-K में अनुच्छेद 370 और 35ए जंजीरों की तरह, अब ये जंजीरें टूट गईं: PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि घाटी में जब संकट की स्थिति खत्म हो जाएगी तो वहां का जीवन सामान्य हो जाएगा. यह पूरी तरह से साफ हो चुका है कि अनुच्छेद 370 और 35ए ने किस तरह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को पूरी तरह से अलग-थलग कर दिया था. विशेष राज्य का दर्जा मिलने के कारण 7 दशक के लंबे समय में भी यहां के लोगों की आकांक्षाएं पूरी नहीं हो सकीं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईएएनएस को दिया इंटरव्यू (IANS) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईएएनएस को दिया इंटरव्यू (IANS)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 7:46 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के शुरुआती 75 दिन के दौर में कश्मीर से अनुच्छेद 370 के तहत मिले विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के सरकार के सबसे बड़े और ऐतिहासिक फैसले पर कहा कि भारतीय लोग अब मानने लगे हैं कि जो निर्णय बेहद कठिन थे, और पहले असंभव लगते थे, लेकिन अब वो हकीकत बन रहे हैं.

Advertisement

आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'कृपा करके उन लोगों की लिस्ट देखें जिन्होंने कश्मीर पर लिए गए फैसले का किसने विरोध किया. निहित स्वार्थ वाले कुछ ग्रुप, राजनीतिक परिवार जिनकी आतंक के प्रति सहानुभूति थी और विपक्ष में बैठे कुछ मित्र.' उन्होंने आगे कहा कि भारतीय लोगों ने अपनी राजनीतिक रुचि पर ध्यान दिए बगैर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर लिए फैसले का समर्थन किया. यह राष्ट्रीय स्तर का फैसला है न कि राजनीतिक.

370 और 35ए ने अलग-थलग कियाः मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि घाटी में जब संकट की स्थिति खत्म हो जाएगी तो वहां का जीवन सामान्य हो जाएगा. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से साफ हो चुका है कि अनुच्छेद 370 और 35ए ने किस तरह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को पूरी तरह से अलग-थलग कर दिया था. विशेष राज्य का दर्जा मिलने के कारण 7 दशक के लंबे समय में भी यहां के लोगों की आकांक्षाएं पूरी नहीं हो सकीं.

Advertisement

पीएम मोदी ने साक्षात्कार में आगे कहा कि यहां के लोगों को विकास की सुविधाओं से दूर रखा गया था. सबसे बड़ा नुकसान उनकी आय के लिए किसी भी तरह का व्यवस्थित आर्थिक मार्ग प्रशस्त नहीं किया जा सका. हमारी कोशिश अलग तरह की होगी. गरीबी खत्म करने के बजाए लोगों को ज्यादा से ज्यादा आय के मौके दिए जाएं. अब तक वहां पर डर का माहौल था और विकास को मौका देने का वक्त आ गया है.

'लोग शानदार भविष्य चाहते हैं'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के मेरे भाई-बहन हमेशा शानदार भविष्य चाहते थे, लेकिन अनुच्छेद 370 ने ऐसा होने नहीं दिया. यह महिलाओं, बच्चों, अनुसूचित जाति की तरह अनुसूचित जनजाति सभी के साथ अन्याय हुआ और सबसे बड़ी बात यह रही कि जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लोगों की नई सोच का कोई इस्तेमाल ही नहीं किया गया.

अपनी सरकार के फैसले को सही बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'मैं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को साफ तौर पर यह आश्वस्त करना चाहता हूं कि स्थानीय लोगों की इच्छा के अनुसार क्षेत्र का विकास किया जाएगा. क्षेत्र के विकास का सबसे पहले फायदा क्षेत्र के ही लोगों को होगा. अनुच्छेद 370 और 35ए जंजीरों की तरह थे, जिनमें लोग जकड़े हुए थे. ये जंजीरें अब टूट गई हैं.'

Advertisement

'विरोध की वजह क्या'

अनुच्छेद 370 और 35ए के बनाए रखने के हिमायती लोगों पर बरसते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'उनके पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है और ये वही लोग हैं, जो उस हर चीज का विरोध करते हैं जो आम आदमी की मदद करने वाली होती हैं. रेल पटरी बनती है, वे उसका विरोध करेंगे. उनका दिल केवल नक्सलियों और आतंकवादियों के लिए धड़कता है. आज हर भारतीय जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के साथ खड़ा है और मुझे भरोसा है कि वे विकास को बढ़ावा देने और शांति लाने में हमारे साथ खड़े रहेंगे.'

पीएम मोदी ने कहा, 'कश्मीर ने कभी भी लोकतंत्र के पक्ष में इतनी मजबूत प्रतिबद्धता नहीं देखी. पंचायत चुनाव के दौरान लोगों की भागीदारी को याद कीजिए. लोगों ने बड़ी संख्या में मत डाले और धमकाने के आगे झुके नहीं. नवंबर-दिसंबर 2018 में 35000 सरपंच चुने गए और पंचायत चुनाव में रिकॉर्ड 74 फीसदी मतदान हुआ. पंचायत चुनाव के दौरान कोई हिंसा नहीं हुई. चुनावी हिंसा में रक्त की एक बूंद भी नहीं गिरी. यह तब हुआ जब मुख्यधारा के दलों ने इस पूरी प्रक्रिया के प्रति उदासीनता दिखाई थी.'

उन्होंने आगे कहा, 'यह बहुत संतोष देने वाला है कि अब पंचायतें विकास और मानव सशक्तिकरण के लिए फिर से सबसे आगे आ गई हैं. कल्पना कीजिए, इतने सालों तक सत्ता में रहने वालों ने पंचायतों को मजबूत करने को विवेकपूर्ण नहीं पाया. और यह भी याद रखिए कि लोकतंत्र पर वे महान उपदेश देते हैं लेकिन उनके शब्द कभी काम में नहीं बदलते.'

Advertisement

'वहां नहीं चलता था 73वां संशोधन'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'इसने मुझे चकित और दुखी किया कि 73वां संशोधन जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होता. ऐसे अन्याय को कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है? यह बीते कुछ सालों में हुआ है जब जम्मू-कश्मीर में पंचायतों को लोगों को प्रगति की दिशा में काम करने के लिए शक्तियां मिलीं. 73वें संशोधन के तहत पंचायतों को दिए गए कई विषयों को जम्मू-कश्मीर की पंचायतों को स्थानांतरित किया गया. अब मैंने माननीय राज्यपाल से ब्लॉक पंचायत चुनाव की दिशा में काम करने का अनुरोध किया है.'

उन्होंने कहा कि हाल में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 'बैक टू विलेज' कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें लोगों को नहीं बल्कि समूची सरकारी मशीनरी को लोगों तक पहुंचना पड़ा. वे केवल लोगों की समस्याओं को कम करने के लिए उन तक पहुंचे. आम नागरिकों ने इस कार्यक्रम को सराहा. इन प्रयासों का नतीजा सभी लोगों के सामने है. स्वच्छ भारत, ग्रामीण विद्युतीकरण और ऐसी ही अन्य पहलें जमीनी स्तर तक पहुंच रही हैं. वास्तविक लोकतंत्र यही है.'

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मैंने लोगों को आश्वस्त किया है कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव जारी रहेंगे और केवल इन क्षेत्रों के लोग हैं जो वृहत्तर जनसमुदाय का प्रतिनिधित्व करेंगे. हां, जिन्होंने कश्मीर पर शासन किया, वे सोचते हैं कि यह उनका दैवीय अधिकार है, वे लोकतंत्रीकरण को नापसंद करेंगे और गलत बातें बनाएंगे. वे नहीं चाहते कि एक अपनी मेहनत से सफल युवा नेतृत्व उभरे. ये वही लोग हैं जिनका 1987 के चुनावों में आचरण संदिग्ध रहा है.'

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement