
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से 'मन की बात' की. इसमें पीएम मोदी ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की. 'मन की बात' में पीएम मोदी ने करगिल विजय दिवस के शहीदों को भी श्रद्धांजलि दी और सेना के जवानों की जांबाजी पर भी चर्चा की. पढ़िए मन की बात कार्यक्रम की 10 बड़ी बातें.
भारत की भूमि हथियाना चाहता था पाकिस्तान- पीएम मोदी
करगिल का युद्ध जिन परिस्थिति में हुआ था वो भारत कभी नहीं भूल सकता. पाकिस्तान ने बड़े-बड़े मंसूबे पालकर भारत की भूमि हथियाने और अपने यहां चल रही आंतरिक कलह से ध्यान भटकाने के लिए यह दुस्साहस किया था. भारत तब पाकिस्तान से अच्छे संबंधों के लिए प्रयासरत था. लेकिन कहा जाता है- बयरू अकारण सब काहू सों. जो कर हित अनहित ताहू सों. यानी दुष्ट का स्वभाव ही होता है हर किसी से बिना वजह दुश्मनी करना. ऐसे स्वभाव के लोग सबका नुकसान ही सोचते हैं.
किस्सा करगिल का: ‘हमें रोटी नहीं सिर्फ गोली चाहिए थी, ताकि दुश्मन को मार सकें’
'करगिल जाने का मौका मिला'
पाकिस्तान के द्वारा भारत की पीठ में छुरा घोंपने की कोशिश हुई थी. लेकिन भारत की वीर सेना ने जो पराक्रम दिखाया उसे पूरी दुनिया ने देखा. आप कल्पना कर सकते हो ऊपर पहाड़ों पर बैठा दुश्मन और नीचे हमारे वीर जवान, लेकिन जीत ऊंचे पहाड़ की नहीं भारत की सेना के ऊंचे हौसले और सच्ची वीरता की हुई. उस समय मुझे भी करगिल जाने का मौका मिला, वो दिन मेरे सबसे अच्छे क्षणों में से एक है.
पढ़ें जवानों की वीर गाथा- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, लोग सोशल मीडिया पर करेज करगिल के साथ अपने वीरों को नमन कर रहे हैं जो शहीद हुए हैं उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं. मैं वीर जवानों के साथ वीर माताओं को भी नमन करता हूं, जिन्होंने सच्चे सपूतों को जन्म दिया. मैं साथियों आपसे आग्रह करता हूं. एक वेबसाइट है- www.gallantryawards.gov.in आप उसको जरूर विजिट करें. यहां आपको वीर योद्धाओं और उनके पराक्रम के बारे में बहुत जानकारी मिलेगी. मैं तो कहूंगा बार-बार कीजिए.
करगिल: मन की बात में बोले मोदी- पड़ोसी ने छूरा घोंपा, दुश्मनी दुष्टों का स्वभाव
अटल जी ने याद दिलाया था महात्मा गांधी को- पीएम मोदी
करगिल युद्ध के दौरान अटल जी ने लाल किले से जो कहा था वो आज भी हम सभी के लिए बहुत प्रासंगिक है. अटल जी ने तब देश को गांधी जी के एक मंत्र की याद दिलाई थी. महात्मा गांधी का मंत्र था- यदि किसी को कभी कोई दुविधा हो कि उसे क्या करना क्या नहीं करना चाहिए. तो उसे भारत के सबसे गरीब और असहाय व्यक्ति के बारे में सोचना चाहिए. उसे ये सोचना चाहिए कि जो वो करने जा रहा है उससे उस व्यक्ति की भलाई होगी या नहीं होगी. गांधी जी के इस विचार से आगे बढ़कर अटल जी ने कहा था कि करगिल ने हमें एक दूसरा मंत्र दिया है. ये मंत्र था- कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले, हम ये सोचें कि क्या हमारा कदम उस सैनिक के सम्मान के अनुरूप है जिसने दुर्गम पहाड़ियों में अपने प्राणों की आहूति दी थी.
कई मोर्चों पर एक साथ होता है युद्ध
पीएम ने कहा, कई बार हम सोशल मीडिया पर ऐसी चीजों को बढ़ावा दे देते हैं जो हमारे देश का बहुत नुकसान करती हैं. आजकल युद्ध केवल सीमाओं पर नहीं लड़े जाते. देश में भी कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा जाता है. हर एक देशवासी को उसमें अपनी भूमिका तय करनी होती है.
कोरोना योद्धाओं को करें याद
मोदी ने कहा, पिछले कुछ महीनों में पूरे देश ने कोरोना से एकजुट होकर जिस तरह मुकाबला किया है उसने अनेक आशंकाओं को गलत साबित कर दिया है. आज हमारे देश में रिकवरी रेट अन्य देशों के मुकाबले बेहतर है. साथ ही हमारे देश में कोरोना से मृत्यु दर भी दुनिया के ज्यादातर देशों से काफी कम है. निश्चित रूप से एक भी व्यक्ति को खोना दुखद है. लेकिन भारत अपने लाखों देश वासियों का जीवन बचाने में सफल भी रहा है.
10 घंटे तक मास्क लगाते हैं कोरोना वॉरियर्स
कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है. कई स्थानों पर ये तेजी से फैल रहा है. हमें ध्यान रखना है कि कोरोना अभी भी उतना ही घातक है जितना पहले था. कभी-कभी हमें मास्क से तकलीफ होती है. मास्क हटाने का मन करता है. जब भी मास्क से परेशानी महसूस हो तो उन डॉक्टर्स-नर्सों का स्मरण कीजिए जो हम सब के जीवन को बचाने के लिए 10 घंटे तक मास्क लगाए रखते हैं.
भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना से लड़ाई
जम्मू में त्रेवा ग्राम पंचायत है वहां की सरपंच हैं बलबीर कौर जी. मुझे बताया गया कि बलबीर कौर जी ने अपने क्षेत्र में 30 बेड का एक क्वारनटीन सेंटर बनवाया. लोगों को हाथ धोने में कोई परेशानी न हो इसका इंतजाम करवाया. इतना ही नहीं, बलबीर कौर जी खुद अपने कंधे पर स्प्रे पंप टांगकर स्वयंसेवकों के साथ मिलकर पूरी पंचायत में सैनिटाइजेशन का काम भी करती हैं.
ऐसी ही एक और कश्मीरी महिला सरपंच हैं गांधरवल के चौतरीवार की जैतूना बेगम. जैतूना बेगम जी ने तय किया कि उनकी पंचायत कोरोना के खिलाफ जंग लड़ेगी और कमाई के अवसर भी पैदा करेगी. उन्होंने पूरे इलाके में फ्री मास्क बांटे. फ्री राशन बांटा. साथी ही उन्होंने फसलों के बीज भी दिए.
हैंडलूम का ज्यादा प्रयोग करें
कच्छ में ड्रैगन फ्रूट्स की खेती खूब हो रही है. कच्छ के किसानों का संकल्प है कि देश को ड्रैगन फ्रूट्स का आयात न करना पड़े. 7 अगस्त को नेशनल हैंडलूम डे है. भारत का हैंडलूम सैकड़ों वर्षों का गौरवमयी इतिहास समेटे हुए है. हम सभी का प्रयास होना चाहिए. न सिर्फ भारतीय हैंडलूम का ज्यादा प्रयोग करें. बल्कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को बताएं भी.
लोकमान्य तिलक जी का जीवन हमारे लिए प्रेरणा
हम स्वतंत्रता दिवस पर महामारी से आजादी का संकल्प लें. आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लें. कुछ नया सीखने और सिखाने का संकल्प लें. हमारा देश आज जिस ऊंचाई पर है वो कई लोगों की तपस्या से है, जिन्होंने देश के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया. उन्हीं महान विभूतियों में से एक हैं. लोकमान्य तिलक. आज उनकी सौंवी पुण्यतिथि है. लोकमान्य तिलक जी का जीवन हम सबके लिए प्रेरणा है.