
दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'आभार रैली' को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि एनआरसी को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि हमने अभी इस बारे में कोई जिक्र ही नहीं किया है. असम में हमने एनआरसी लागू नहीं किया था, जो भी हुआ वो सुप्रीम कोर्ट के कहने पर हुआ.
इस बीच पीएम मोदी ने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वाली कांग्रेस और विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके साथी, शहरों में रहने वाले पढ़े-लिखे नक्सली ये अफवाह फैला रहे हैं कि सारे मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर में भेज दिया जाएगा. सीएए का विरोध करने वालों पर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कुछ तो अपनी शिक्षा की कद्र करिए और एक बार पढ़ तो लीजिए कि आखिर नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी है क्या?
कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि झूठ बेचने वाले और अफवाह फैलाने वाले लोगों को पहचानने की ज़रूरत है. ये दो तरह के लोग हैं- एक वो लोग जिनकी राजनीति दशकों तक वोट बैंक पर ही टिकी रही है और दूसरे वो लोग जिनको इस राजनीति का लाभ मिला है.
पीएम मोदी ने कहा कि अब भी जो भ्रम में हैं, मैं उन्हें कहूंगा कि कांग्रेस और अर्बन नक्सलियों द्वारा उड़ाई गई डिटेन्शन सेंटर की अफवाह सरासर झूठ है. जो हिंदुस्तान की मिट्टी के मुसलमान हैं, उनसे नागरिकता कानून और एनआरसी दोनों का ही कोई लेना-देना नहीं है. नागरिकता संशोधन कानून किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं है, बल्कि नागरिकता देने के लिए है. हमारे तीन पड़ोसी देशों के वो अल्पसंख्यक, जो अत्याचार की वजह से भागकर भारत आने को मजबूर हुए हैं, उन्हें इस कानून में कुछ रियायतें दी गई हैं.
उन्होंने कहा कि मैंने किसी भी काम में लोगों के साथ भेदभाव नहीं किया. मैं विपक्ष को खुली चुनौती देता हूं कि मेरे किसी भी काम में भेदभाव खोजकर दिखाएं. उन्होंने कहा कि मैं एक कानून लाकर दिल्ली के 40 लाख लोगों को अधिकार दे रहा हूं और ये झूठ फैला रहे हैं कि मैं अधिकार छीनने वाला हूं. उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि एक बार जब हाथ में तिरंगा आ जाता है, तो वो फिर कभी हिंसा और बांटने की राजनीति का समर्थन नहीं कर सकता है. यह तिरंगा इन लोगों को हिंसा फैलाने वालों और आतंकी हमले करने वालों के खिलाफ भी आवाज उठाने के लिए प्रेरित करेगा.